चेन्नई, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यहां कहा कि पर्यावरण में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव को कम करने के तीन मंत्रए कम इस्तेमालए उसका फिर से उपयोग और पुनर्चक्रण ;रीसाइकिल द्धहोना चाहिए।
नायडू ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी;सिपेटद्ध के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि इस तरह की उम्मीद है कि प्लास्टिक सेक्टर वर्ष 2050 तक कुल तेल खपत का 20 प्रतिशत और वैश्विक वार्षिक कार्बन बजट के 15 प्रतिशत के लिए उत्तरदायी हो जाएगा।
उन्हाेंने कहा कि अाखिर में प्लास्टिक के उपयाेग से बचना संभव नहीं है मगर प्लास्टिक के कई सकारात्मक पहलू भी हैंए लेकिन पर्यावरण के लिए यह बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है।उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के जिम्मेदारी से इस्तेमाल और इसका पुनर्चक्रण सनिश्चित किया जाना है
उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्लास्टिक के लाभों को देखते हुए यह सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है कि इसके इस्तेमाल के बाद उसे महासागरों में न फेंका जाए।
नायडू ने कहाए श्श्अगर हम पृथ्वी को सुरक्षितए स्वच्छ और स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो ऐसा करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।श्श्
उन्होंने कहा प्लास्टिक से जुड़ी अर्थव्यवस्था तो अच्छी है लेकिन पर्यावरण के बारे में क्याघ् प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों के दिमाग में यह विचार सबसे पहले आना चाहिए।