रायबरेली, उत्तर प्रदेश में रायबरेली के सलोन इलाके में हुए बहुचर्चित फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में रायबरेली पुलिस ने उत्तर प्रदेश एटीएस के सहयोग से इस गिरोह के छह सदस्यों की गिरफ्तारी की है।
पुलिस सूत्रों से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किये गये सभी अपराधी रायबरेली से इतर अलग अलग जिलों के रहनेवाले है। इस मामले पिछले दिनों इस गिरोह के सदस्यों में सरकारी कर्मी विजय यादव समेत जीशान खान, सुहेल और रियाज खान आदि 04 लोगो की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्हें जेल भेजा जा चुका है।
बताया गया कि उच्चाधिकारियों ने निर्देश जारी किए थे जिनके आधार पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपने सभी ऑप्स टीम व फील्ड यूनिट की मदद से इस फर्जी जन्मप्रमाण पत्र के गिरोह के लोगो को पहचानने का काम किया गया। इन टीमो ने भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से गिरोह के लोगो की पहचान सुनिश्चित की।
वाराणसी, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, अयोध्या और बहराइच के 8 जिलों की इन टीमो ने गिरोह की संलिप्तता की पुख्ता जानकारी हासिल की। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व पूछताछ के आधार पर गोरखपुर का रहनेवाला सलमान अली , मुरादाबाद जिले का शाहनवाज, सोनभद्र जिले का गोविंद केसरी, संत कबीर नगर का रहने वाला आकाश कसौंधन, जिला कुशी नगर का संजीव कुमार सिंह, और जिला प्रतापगढ़ का निवासी वैभव उपाध्याय को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के बनाये जाने के मामले में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार किया है। इस तरह अब तक कुल 10 लोगो को गिरफ्तार किया गया है।
आय जाति एवं जन्म प्रमाणपत्र को बनवाने के लिए गांव व तहसील स्तर पर लोकवाणी और जन सुविधा केंद्र खोले गए हैं। जहां यह प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था होती है।
पुलिस के अनुसार इस गिरोह का काम करने का तरीका यह था कि इसमें जुड़े ग्राम विकास अधिकारी जिनका लॉग इन आई0 डी0 व पासवर्ड व्यक्तिगत जन सुविधा केंद्र के संचालको के पास होता था, का दुरुपयोग होता था। पुलिस के अनुसार इसमें जुड़े ग्राम विकास अधिकारी खुद पोर्टल पर काम नही करते थे लेकिन उनके लॉग इन आई0डी0 व पास वर्ड का दुरुपयोग यह केंद्र संचालक करते थे और लोगो को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध करा देते थे।
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया फर्जी प्रमाणपत्र का दुरुपयोग सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ लेने व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज को जारी करने के लिए किया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार इस तरह के मामले में अपेक्षित सुरक्षा बरतते हुए सावधानी पूर्वक आगे की कार्यवाही की जा रही है और इस गिरोह के अन्य सूत्रों की भी जांच पड़ताल जारी है क्योंकि मामला सुरक्षात्मक पहलुओं से भी जुड़ा है।