इंदौर, कचरे से मुक्ति के साथ इससे कमाई का संदेश देने वाले नवाचारी संयंत्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां 23 जून को औपचारिक शुरूआत करेंगे। राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में लगातार दूसरे साल अव्वल रहे शहर में इस संयंत्र के जरिये फल-सब्जियों के कचरे से बायो-सीएनजी बनायी जायेगी और फिर इस हरित ईंधन से लोक परिवहन वाहनों को दौड़ाया जायेगा।
इंदौर नगर निगम के आयुक्त आशीष सिंह ने आज बताया कि प्रधानमंत्री अपने एक दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे के तहत स्थानीय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित “शहरी विकास महोत्सव” में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह अन्य सरकारी योजना-परियोजनाओं के साथ फल-सब्जियों के कचरे से बायो-सीएनजी बनाने के संयंत्र का ई-उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि आईएमसी ने एक निजी कम्पनी की मदद से देवी अहिल्याबाई होलकर फल-सब्जी मंडी में शहर का पहला बायोमीथेनाइजेशन प्लांट लगाया है। इस संयंत्र के जरिये हर रोज फल-सब्जियों के 20 टन अपशिष्ट को 1,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी में बदला जा सकता है।
सिंह ने कहा, “शुरूआत में हम अपनी 63 सिटी बसों में से करीब 15 बसों को बायो-सीएनजी से दौड़ायेंगे। फिलहाल इन बसों में सामान्य सीएनजी इस्तेमाल की जा रही है।” उन्होंने बताया कि बायोमीथेनाइजेशन प्लांट चलाने वाली कंपनी से हुए अनुबंध के तहत आईएमसी को बायो-सीएनजी काफी रियायती मूल्य पर प्रदान की जायेगी और यह सामान्य सीएनजी के मुकाबले सस्ती पड़ेगी। नतीजतन स्थानीय निकाय के ईंधन बिल में कटौती होगी। लोक परिवहन बसों में हरित ईंधन के इस्तेमाल से पर्यावरण की भी हिफाजत होगी।
एक अनुमान के मुताबिक कोई 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज तकरीबन 1,100 टन कचरे का अलग-अलग तरीकों से सुरक्षित निपटारा किया जाता है. इसमें 650 टन गीला कचरा और 450 टन सूखा कचरा शामिल है। इस बीच, मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री यहां 23 जून को आयोजित कार्यक्रम में “स्वच्छ सर्वेक्षण 2018” की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता शहरों को पुरस्कृत भी करेंगे जिनमें मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शामिल हैं।
इसके साथ ही, वह अलग-अलग सरकारी योजनाओं के तहत 4713.75 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न कार्यों का ई-लोकार्पण करेंगे। अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी शहरी लोक परिवहन योजना ‘सूत्र सेवा’ का शुभारंभ भी करेंगे। पहले चरण में इस किफायती बस सेवा के जरिये सूबे के 20 चुनिंदा शहरों को जोड़ा जायेगा। शुरूआत में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, छिन्दवाड़ा, गुना और भिण्ड से 127 बसों का संचालन किया जायेगा।