केंद्र में एनडीए सरकार बनने का असर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की विकास परियोजनाओं पर दिखाई देने लगा है. उत्तर प्रदेश के अमेठी से पहले फूड पार्क की परियोजना चली गयी और अब वहां लगने वाली पेपर मिल भी महाराष्ट्र के रत्नागिरी जा सकता है.सूत्रों की मानें तो कैबिनेट इस बारे में जल्द ही कोई फैसला कर सकती है. अमेठी में 200 करोड़ रुपए के फूड पार्क प्रोजेक्ट को 2010 में मंजूरी मिली थी। जून 2014 में यह मंजूरी वापस ले ली गई थी। जिस कंपनी को फूड पार्क बनाना था, उसने भी हाथ खींच लिए।
अमेठी के नजदीक जगदीशपुर में पेपर मिल प्लान्ट साल 2007 में ही शुरू होना था। इसे दो स्टेज में शुरू किया जाना था। इसके लिए बजट था 3650 करोड़ रुपए। आठ साल से लटके इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन ही नहीं मिल पाई। यूपी सरकार ने भी रुचि नहीं दिखाई। केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में लगाने की मांग की थी। उनकी इस मांग पर कैबिनेट जल्द ही मुहर लगा सकती है।कहा जा रहा है कि रत्नागिरी में प्रोजेक्ट के लिए जमीन मौजूद है। पेपर मिल के लिए जरूरी बांस भी यहां आसानी से मिलेंगे। इसके अलावा हाईवे, पोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी जैसी फैसिलिटीज भी यहां मौजूद हैं।
अमेठी में कांग्रेस के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि जब से केंद्र में बीजेपी आई है, अमेठी के लोगों से बदला लिया जा रहा है। डेढ़ साल में पांच प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है। पेपर मिल के साथ ही फूड पार्क, डिस्कवरी पार्क और सेंट्रल स्कूल शुरू होना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रिपल आईटी कैम्पस भी बंद किया गया है। हम इसका विरोध करेंगे।”इस संबंध में राहुल गांधी ने लोकसभा में शक्तिमान फूड पार्क का मसला उठाते हुए मोदी सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप भी लगाया था.