भरतपुर, राजस्थान के सवाईमाधोपुर में थानाधिकारी फूल मोहम्मद हत्याकांड मामले में अदालत ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह सहित तीस दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।
विशिष्ट न्यायालय (एससी-एसटी) ने आज यह सजा सुनाई। गौरतलब है कि न्यायालय ने बुधवार को 89 आरोपियों के खिलाफ अंतिम सुनवाई कर इस मामले में इन तीस लोगों को दोषी माना था जबकि 49 लोगों को बरी कर दिय गया। इस मामले के पांच आरोपियों की की मौत हो चुकी है जबकि दो बाल अपचारी थे वहीं तीन लोग फरार है।
न्यायालय ने दोषियों पर अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया है।
न्यायालय ने जिन्हें सजा सुनाई में उनमें डीएसपी महेंद्र सिंह, राधेश्याम माली, परमानंद, बबलू, पृथ्वीराज, रामचरण, चिरंजीलाल, शेर सिंह, हरजी, रमेश मीणा, कालू, बजरंगा खटीक, मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी, रामकरण, हंसराज उर्फ हंसा, शंकर माली , बनवारी लाल मीणा, धर्मेंद्र मीणा, योगेंद्र नाथ, बृजेश हनुमान, रामजीलाल माखन सिंह, रामभरोसी मीणा, मोहन माली, मुकेश माली और श्यामलाल शामिल है।
उल्लेखनीय है कि 17 मार्च 2011 को मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव में लोग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उनके परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान भीड़ ने सीआई फूल मोहम्मद को घेर कर उनकी जीप को आग लगा दी थी जिसमें जलने से उनकी मौत हो गई थी।