फेंसाडिल और कोडीन युक्त दवाओं की तस्करी के नेटवर्क का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने फेंसाडिल कप सिरप और कोडीन युक्त अन्य नशीली दवाओं की अवैध तस्करी का बड़ा नेटवर्क तोड़ते हुए गुरुवार को दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा, दोनों सहारनपुर के निवासी हैं। इनके पास से दो मोबाइल फोन और तस्करी से जुड़े 31 फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कोडीन व फेंसाडिल आधारित कफ सिरप को नशे के रूप में बेचने के उद्देश्य से कुछ लोग भारी मात्रा में अवैध रूप से सप्लाई कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर आज सुबह करीब 4:20 बजे लखनऊ के टेडी पुलिया तिराहे के पास छापेमारी की गई, जहां दोनों अभियुक्त पकड़े गए।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि अभियुक्त 2019 से नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल थे। अभियुक्त अभिषेक शर्मा ने बताया कि वह विशाल सिंह, विमोर राणा, सचिन कुमार और अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी मेडिकल स्टोर, फर्जी फार्म, फर्जी ई–वे बिल, और फर्जी लाइसेंस बनाकर दवाओं की खरीद–फरोख्त करते थे।
दवाइयों की सप्लाई यूपी के अलावा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और नेपाल तक की जाती थी। सामान को बॉक्स में छुपाकर कार्गो के माध्यम से भेजा जाता था।
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार शातिर तस्करों ने कई बार अलग-अलग नामों, पतों और पहचान पत्रों पर फर्जी मेडिकल स्टोर और फार्मास्युटिकल कंपनियों के नाम से कागजात बनवाकर नशीली दवाओं का व्यापार किया।अभिषेक शर्मा ने खुलासा किया कि उन्होंने दिल्ली में भी फर्जी फार्मास्युटिकल पार्टनरशिप बनाई थी जिसके नाम पर भारी मात्रा में कफ सिरप मंगाया जाता था। विमोर राणा और विशाल सिंह, जो इस गिरोह के मुख्य संचालक बताए गए हैं, उनके निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोरखपुर, बरेली, कानपुर, प्रयागराज, बनारस और लखनऊ में माल सप्लाई किया जाता था। कई स्थानों पर थी गोदाम शैली में सप्लाई चेन, जहां माल अंदर आते ही अलग-अलग ट्रांसपोर्ट के माध्यम से आगे भेज दिया जाता था।
गिरफ्तार अभियुक्त शुभम शर्मा ने बताया कि वह दुबई पोर्ट पर काम कर चुका है और अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया जाने की इच्छा से वापस भारत लौटा था। इसी दौरान विशालत सिंह और विमोर राणा से मुलाकात हुई और उसे गिरोह में शामिल कर लिया गया। उसे बनारस, लखनऊ और अन्य जिलों में डिलीवरी का काम दिया जाता था। शुभम ने यह भी बताया कि नेटवर्क के पकड़े जाने के बाद दोनों अभियुक्तों ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर लिए थे और अंबाला में छुपे हुए थे, जहां से वे दोबारा तस्करी शुरू करने की कोशिश कर रहे थे।
एसटीएफ का कहना है कि इस गिरोह में कई और लोग शामिल हैं, जिनका नाम पूछताछ में सामने आया है। इनमें संपर्क सूत्र, फर्जी दस्तावेज बनाने वाले, सप्लाई एजेंट, और माल वहन करने वाले ड्राइवर शामिल हैं। मुख्य सरगना विमोर राणा एवं विशालत सिंह सहित कई आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।
एसटीएफ ने बताया कि पूरे नेटवर्क की गहन जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





