मुंबई, मजबूत आर्थिक आंकड़ों की बदौलत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने की संभावना कम होने से हुई लिवाली से बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत तक चढ़े घरेलू बाजार पर अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के मिनट्स और फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के वक्तव्य का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 649.37 अंक अर्थात 0.81 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर 81086.21 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 282 अंक यानी 1.15 प्रतिशत की तेजी के साथ 24823.15 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली की रफ्तार अधिक तेज रही। इससे मिडकैप 927.99 अंक अर्थात 1.95 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 48321.92 अंक हो गया। साथ ही स्मॉलकैप 1824.8 अंक यानी 3.4 प्रतिशत की उड़ान भरकर 55681.89 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, इस सप्ताह भारतीय बाजार ने मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की बदौलत दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना कम होने से अपनी रिकवरी रैली को बनाए रखा। इसके अलावा इजराइल और हमास के बीच संघर्षविराम वार्ता से उत्पन्न सकारात्मक वैश्विक भावना और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी तेजी में योगदान दिया। हालांकि, जापान में महंगाई के दबाव और येन की मजबूती ने अंत में बाजार की बढ़त को कम कर दिया।
बीते सप्ताह के दौरान अमेरिकी बाजार पर निर्भर आईटी कंपनियों के शेयरों ने शुरुआती तेजी के बाद मुनाफावसूली के कारण मामूली प्रदर्शन किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों ने पिछले सप्ताह के नुकसान की पूरी तरह से भरपाई की ली जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने दिग्गज कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया।
अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के मिनट्स और फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के वक्तव्य का असर रहेगा। पॉवेल ने जैक्सन होल, वायोमिंग में फेड के वार्षिक आर्थिक सम्मेलन में कहा, “नीति को समायोजित करने का समय आ गया है। यात्रा की दिशा स्पष्ट है, और दर कटौतियों का समय और गति आने वाले आंकड़े, बदलती परिस्थितियों और जोखिमों के संतुलन पर निर्भर करेगी।”
इस बीच कुछ फेड अधिकारियों ने कहा कि यदि नियुक्तियों में और धीमापन के संकेत मिलते हैं तो सितंबर में ब्याज दरों में आधे प्रतिशत की कटौती की संभावना बढ़ सकती है। अगली रोजगार रिपोर्ट 06 सितंबर को जारी की जाएगी। पिछली नीति बैठक में पॉवेल ने कहा था कि यदि अमेरिका में महंगाई की दर गिरती रहती है, तो सितंबर में होने वाली अगली बैठक में नीतिगत दरों में कटौती पर विचार किया जा सकता है।” बीते शेयर बाजार में चार दिन तेजी रही। वैश्विक स्तर से मिले मिश्रित संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर उतार-चढ़ाव के बीच सोमवार को शेयर बाजार का रूख मिलाजुला रहा। सेंसेक्स 12.16 अंक फिसलकर 80424.68 अंक रह गया जबकि निफ्टी 31.50 अंक की मामूली बढ़त लेकर 24572.65 अंक पर रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस सप्ताह के अंत में ब्याज दरों में कटौती के और संकेत देने की उम्मीद और चीन से धातुओं की मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 378.18 अंक की छलांग लगाकर 80,802.86 अंक और निफ्टी 126.20 अंक की तेजी के साथ 24,698.85 अंक पर बंद हुआ।
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, कंज्यूमर डयूरेबल्स, हेल्थकेयर और धातु समेत सोलह समूहों में हुई लिवाली से बुधवार को सेंसेक्स 102.44 अंक मजबूत होकर 80,905.30 अंक और निफ्टी 71.35 अंक चढ़कर 24,770.20 अंक हो गया।
फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के जारी मिनट्स में अगले कुछ सप्ताह में ब्याज दर में कटौती शुरू करने के संकेत से विश्व बाजार में आई तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, दूरसंचार, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और सर्विसेज समेत पंद्रह समूहों में हुई लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 147.89 अंक मजबूत होकर 81,053.19 अंक और निफ्टी 41.30 अंक बढ़कर 24,811.50 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिका में ब्याज दर में सितंबर से कटौती शुरू होने की पुष्टि के लिए फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के वक्तव्य से पहले विश्व बाजार के सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर टिके रहने की बदौलत स्थानीय स्तर पर ऑटो और सर्विसेज समेत आठ समूहों में हुई लिवाली से शुक्रवार को शेयर बाजार लगातार चौथे दिन चढ़कर बंद हुआ। सेंसेक्स 33.02 अंक बढ़कर 81,086.21 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 11.65 अंक की मामूली बढ़त के साथ 24,823.15 अंक पर रहा।