मुंबई, अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी करने से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक टूटे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह फेड के निर्णय, जुलाई के वाहन बिक्री आंकड़े और कंपनियों की पहली तिमाही के नतीजे का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 524.09 अंक अर्थात 0.79 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 66160.20 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 108.8 अंक यानी 0.55 प्रतिशत लुढ़ककर 19636.20 अंक पर आ गया।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली हुई। इससे मिडकैप 612.54 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 30159.82 अंक और स्मॉलकैप 402.2 अंक की तेजी लेकर 34548.86 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे बेहतर रिटर्न पाने की उम्मीद में बीते सप्ताह एफआईआई ने घरेलू बाजार में बिकवाली की। फेड के इस निर्णय का असर बाजार पर अगले सप्ताह भी देखा जा सकता है।
एफआईआई ने जुलाई में अबतक जहां 14623.18 करोड़ रुपए की शुद्ध लिवाली की वहीं फेड रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी के ब्याज दर में बढ़ोतरी करने के बाद बीते सप्ताह गुरुवार को 3979.44 करोड़ और शुक्रवार को 1023.91 करोड़ यानी महज दो दिन में बाजार से कुल 5003.35 करोड़ रुपए निकाल लिए। इससे बाजार दबाव में रहा।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह जुलाई में वाहनों की हुई बिक्री के आंकड़े आने वाले हैं। इस पर बाजार की नजर रहेगी। साथ ही अगले सप्ताह एसबीआई, मारुति, भारती एयरटेल, गेल, पावर ग्रिड, सन फार्मा, भेल, इंडिगो, आईओबी, डाबर, इक्रा और लूपिन समेत कई दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने में इन कारकों को महत्वपूर्ण भूमिका होगी।