नई दिल्ली, दिल्ली के एक कॉन्वेंट स्कूल के नौवीं कक्षा की छात्रा एनायस जोसमॉन दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक‘ एग्जाम वारियर्स’ का चेहरा बन गई है, जो परीक्षाओं के दबाव से निपटने के उपाय संबंधी विषयों पर आधारित है. गणित की परीक्षा में फेल हो जाने के बाद घर से भाग गयी इस छात्रा को रेलवे ने बचाया था.
लड़की की मां इवोन पीटर्स ने बताया कि गणित में पास अंक लाने में असमर्थता से उदास जोसमॉन ने आठ मार्च को घर से निकल गई थी और चेन्नई जाने के लिए यहां निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से तमिलनाडु एक्सप्रेस पकड़ी ली, जहां उसकी योजना बाइबिल की कक्षा में दाखिला लेने की थी. शुक्रवार को उस लड़की को भोपाल रेलवे स्टेशन से बचाया गया. शनिवार को वह 14 वर्षीय लड़की रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलने गई, जिन्होंने उसे प्रधानमंत्री द्वारा लिखी गई पुस्तक एग्जाम वारियर्स दी गई.
दाई का काम करने वाली पीटर्स ने बताया कि उसकी बेटी गणित में अच्छी नहीं है और वह अपनी पिछली परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी थी. उनका कहना है कि उसका स्कूल भी इस विषय पर चर्चा करने के लिए उसके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. पीटर्स ने कहा कि स्कूल कोई परवाह ही नहीं करते. उसने हमसे बात करने से मना कर दिया. काश मैं इस बारे में मंत्री को बताती.
यह बहुत बड़ी समस्या है, जो छात्रों को प्रभावित करती है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी 36 घंटे बाद घर लौटी. रेल मंत्री ने ट्वीट किया कि नई दिल्ली के एनायस जोसमॉन से मिला, जो परीक्षा के दबाव की वजह से अपने घर से भाग गई थी और उसे ठीक समय पर रेलवे ने बचा लिया और उसे उसके परिवार से मिलाया. उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी पुस्तक एग्जाम वारियर्स भी दिया और उससे कहा कि एग्जाम वारियर बनो, वरीयर नहीं.