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बंगाल को पसंद नहीं करने वाले राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं : ममता बनर्जी

कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि जो लोग बंगाल को पसंद नहीं करते वे ही राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा कि ऐसे लोग तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करने के तरीकों की तलाश में रहते हैं। जब वह रेल मंत्री थी, तो वे थोड़ी सी भी गलतियां बता देते थे। आज ऐसी कोई खबर क्यों नजर नहीं आती। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा , “ क्या राज्य को बदनाम करने के शर्मनाक प्रयासों में शामिल होना बंगाल विरोधी कृत्य नहीं है? आप बंगाल में रहते और खाते हैं लेकिन दिल्ली को हमारे फंड को अवरुद्ध करने के लिए कहते हैं। हम उनसे हमारे अधिकार छीन लेंगे और वे हमसे वह नहीं छीन सकते जिसके हम हकदार हैं।”

उन्होंने कहा “ अगर कोई गलती करता है, तो उसे सुधारा जाना चाहिए। हमें अपनी त्रुटियों को सुधारने की जरूरत है। अगर किसी ने कोई गलती की है, तो उसे ठीक किया जाना चाहिए। कानून को अपने तरीके से चलना चाहिए। लेकिन कुछ लोग हैं जो बंगाल को पसंद नहीं करते हैं और वे राज्य को लगातार बदनाम करने की कोशिश में लगे हैँ।”

मुख्यमंत्री ममता  बनर्जी ने बाल दिवस पर छात्रों को हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हुए कहा, “जब हमारे छात्र कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूल नहीं जा सके, तो मैंने उन्हें स्मार्टफोन प्रदान करने का फैसला किया, ताकि वे इसके ऑनलाइन मोड के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकें। हमने 17 लाख छात्रों को डिवाइस प्रदान किए हैं। आज जब हमारे छात्र घर लौटेंगे, तो वे देखेंगे कि 10 लाख छात्रों के बैंक खातों में 10,000 रुपये जमा किये गये हैँ।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल जाने वाले बच्चों को लगभग 1.25 करोड़ साइकिलें मुफ्त में वितरित की हैं। कन्याश्री, ऐक्यश्री, शिक्षाश्री, स्वामी विवेकानंद योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति और छात्र क्रेडिट कार्ड जैसी विभिन्न कल्याणकारी सामाजिक कल्याण पहलों तक पहुँचने के लिए छात्रों के बैंक खातों का उपयोग किया जायेगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा , “ आपने देखा कि यूक्रेन में अध्ययन करने गए छात्रों के साथ क्या हुआ। यहां बंगाल में अध्ययन करने के बहुत सारे अवसर हैं। हमारे पास जादवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय और सेंट जेवियर्स कॉलेज जैसे संस्थान हैं। ये भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सभी शीर्ष रैंकिंग संस्थान हैं। वर्ष 1947 से हमारे पास बंगाल में केवल 12 विश्वविद्यालय थे। 2011 में सत्ता में आने के बाद से, हमने 30 विश्वविद्यालय और 14 मेडिकल कॉलेज शुरू किये हैं।”

उन्होंने कहा कि राज्य में 51 कॉलेज, 272 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), 176 पॉलीटेक्निकल संस्थान और 7,000 से अधिक नए स्कूल शुरू किए हैं। लगभग 2,900 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अपग्रेड किया गया है। वहीं दो लाख से अधिक कक्षाएं और 381 संथाली-माध्यम विद्यालय शुरू किये गये हैँ।