लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा के सोमवार से शुरू हुये बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को सड़क से सदन तक समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान विधान भवन परिसर में आक्रोशित सदस्यों और मौजूद मार्शल के बीच धक्कामुक्की हुयी।
साल के पहले सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा के सदस्य नारेबाजी करते हुये चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा ओर धरना देने के इरादे से बढ़े मगर वहां मौजूद मार्शल के दल ने उन्हे आगे बढ़ने से रोक दिया। इस बीच आंदोलित विपक्षी सदस्यों की प्रतिक्रिया जानने के लिये कुछ मीडियाकर्मियों ने आगे आने का प्रयास किया जिन्हे भी मार्शल ने धक्कामुक्की कर रोक लिया।
सपा सदस्य इसके बावजूद सरकार विरोधी नारेबाजी करते रहे। लाल और काले रंग की तख्तियों में उन्होने सरकार विरोधी स्लोगन लिखे थे जिसमें महंगाई,बेरोजगारी में सरकार की विफलता, भ्रष्टाचार और खराब कानून व्यवस्था एवं किसानो की अनदेखी के आरोप लगाये गये थे। सपा सदस्यों ने नारेबाजी कर जातीय जनगणना की भी मांग दोहरायी।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी सपा सदस्यों की नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्य विशेषकर सपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के ‘राज्यपाल वापस जाओ’ और सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। इस बीच कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिये सदन की वेल पर भी पहुंच गये।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदस्यों से शांति बनाये रखने की अपील की मगर उसका कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार भारी हंगामे और शोरशराबे के बीच राज्यपाल ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया और सरकार की उपलब्धियों की जानकारी साझा की।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। सरकार आंकड़ों में चाहे जो कुछ भी प्रस्तुत करे मगर सच्चाई यह है कि कानून व्यवस्था,महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार बुरी तरह विफल हुयी है। बुलडोजर संस्कृति ने गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। कानपुर देहात में मां बेटी की जान बुलडोजर ने ले ली।
उधर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश के विकास से विपक्ष खासकर सपा घबरायी हुयी है कि उसके सत्ता में आने के रास्ते बंद हो चुके हैं। जनता के बीच लोकप्रिय हो चुकी भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष के हाथ खाली हैं और वैसे भी सपा गुंडागर्दी की पर्याय मानी जाती है। सदन में सपा अगर किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहती है तो उसका स्वागत है मगर सपा समेत अन्य विपक्षी दलों के पास अब कोई मुद्दा बचा नहीं है। प्रदेश में अमन चैन है और तरक्की की सुगंध हर जगह महसूस की जा सकती है।