नयी दिल्ली , संसद की एक स्थायी समिति ने रेल मंत्रालय की उस राय से सहमति जतायी है जिसमें कहा गया है कि माल ढुलाई से हुई कमाई को यात्री किराये में सब्सिडी देना धीरे-धीरे समाप्त किया जाना चाहिये।
मंत्रालय ने स्थायी समिति को बताया है कि माल ढुलाई से हुई कमाई यात्री परिवहन पर खर्च करने से देश में माल ढुलाई महंगी हो जायेगी। अभी माल ढुलाई का औसत खर्च सामान की कीमत का 13 प्रतिशत है जो पहले से ही दुनिया में इसके उच्चतम स्तरों में से एक है।
समिति की हालिया रिपोर्ट के अनुसारए रेलवे वित्त वर्ष 2015.16 में यात्री परिवहन तथा माल ढुलाई से राजस्व का लक्ष्य हासिल करने में विफल रही थी तथा 31 मार्च को समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में भी वह लक्ष्य से चूक सकती है। समिति को बताया गया है कि यात्री परिवहन से प्राप्त राजस्व तीन हजार करोड़ रुपये तथा माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व नौ हजार करोड़ रुपये घट गया है।
यात्री परिवहन पर रेलवे की लागत 73 पैसे प्रति दस किलोमीटर है जबकि कमाई मात्र 36 पैसे प्रति दस किलोमीटर है। माल ढुलाई की लागत 99 पैसे प्रति दस किलोमीटर तथा आमदनी 1.60 रुपये प्रति दस किलोमीटर है। इसलिए यात्री परिवहन में होने वाले नुकसान की भरपाई माल ढुलाई के लाभ से की जाती है।