बरेली के कारीगरों को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान

workerलखनऊ, उत्तर प्रदेश में बरेली के कारीगारों की पहचान अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होगी और दिल्ली व मुंबई के कारीगरों की तरह वे भी अब डिजाइनर कपड़े तैयार करेंगे। कपड़ा मंत्रालय जरी व जरदोजी से जुड़े सिलाई, बुटीक का शौक रखने वाले युवक युवतियों को हुनरमंद बनाएगा। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कारीगरों को आधुनिक तकनीक और डिजाइन से रूबरू कराने के लिए वस्त्र मंत्रालय ने बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में ट्रेनिंग सेंटर भी खोल दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार के वस्त्र मंत्री रहते हुए ट्रेनिंग सेंटर को खोलने की कवायद शुरू की गई थी। उनके प्रयासों के बाद फतेहगंज पश्चिमी के त्रिलोकी डिग्री कॉलेज में एटीडीसी (एपरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर) की शुरुआत कर दी गई है। एटीडीसी सेंटर के प्रमुख विशाल चित्रांश के मुताबिक, सेंटर में लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षक आरती कुमारी और देववती आए हैं। ट्रेनिंग सेंटर में दो बैच लगाए जाएंगे। एक बैच में 30 लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। तीन महीने का कोर्स पूरा होने के बाद प्रशिक्षण करने वालों को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई की किट, एक बैग और फैब्रिक दिया जाएगा। अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के युवक-युवतियों को प्रोत्साहित करने के लिए फ्री में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें हर महीने 1500 रुपये वजीफा भी दिया जाएगा। सामान्य वर्ग के युवक युवतियों से 3500 रुपये फीस ली जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर के लिए मशीनें, फर्नीचर और अन्य सामान आ गया है।

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