बलुआ पत्थर को ओडीओपी में शामिल करे सरकार: अनुप्रिया पटेल

लखनऊ, अपना दल (एस) अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर में चुनार के बलुआ पत्थर को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

जीआई टैग हासिल कर चुके चुनार के बलुआ पत्थर की गुणवत्ता और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुये अनुप्रिया पटले ने कहा “ बलुआ पत्थर का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है। यह पत्थर अपनी मजबूती, टिकाऊपन और उत्कृष्य बनावट के लिए न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह संपूर्ण भारत की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा रहा है। इसकी विशेषताएं इसे एक जिला-एक उत्पाद के लिए उपयुक्त बनाती हैं।”

उन्होने कहा कि चुनार का बलुआ पत्थर भारत के कई ऐतिहासिक स्मारकों, मंदिरों, किलों, घाटों एवं महलों के निर्माण में उपयोग में लाया गया है। सारनाथ का अशोक स्तंभ, चुनार का किला, कई प्राचीन मंदिर और स्तूप इसी पत्थर के बने हैं। लखनऊ स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराम आंबेडकर स्मृति स्थल एवं हाथी उद्यान जैसे भव्य निर्माणों में भी इसका प्रयोग हुआ है। वर्तमान समय में भी चुनार का बलुआ पत्थर भवन निर्माण, मूर्ति कला, फर्श, दीवारों की परत, पार्कों में सजावटी पत्थर और स्थापत्य डिजाइनों में प्रयुक्त किया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यदि स्थानीय सांसद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के अनुरोध को स्वीकार कर लेते हैं तो यह एक जिला-एक उत्पाद योजना में भी शामिल हो जाएगा।

अनुप्रिया पटेल ने पत्र में कहा है कि इस उद्योग से जुड़े हजारों स्थानीय कारीगर, मजदूर और लघु उद्यमी वर्षों से इस पर निर्भर हैं। एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत इसके चयन से स्थनीय कारीगरों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, विपणन एवं निर्यात के अवसर प्राप्त होंगे।

एक जिला-एक उत्पाद के माध्यम से इस उत्पाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग से न केवल जनपद मिर्जापुर की पहचान को सुदृढ़ता मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इस कारण चुनार के पत्थर से बने निर्माण वर्षा, नमी और नदी के निकट होने के बावजूद सैक़ड़ों वर्षों तक सुरक्षित रहते हैं।

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