लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि सूबे में विधानसभा चुनाव 2017 का आगाज हो गया है। इसलिए भाजपा मिथ्या व भ्रामक प्रचार कर बसपा -सपा के आपस में मिले होने की बात कर रही हैं, जबकि दोनों का नाम मात्र का कोई सियासी मेल-जोल नहीं है। मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि सूबे में अभी विधानसभा आमचुनाव के लिये तिथि की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी पार्टी भाजपा की तरह ही, मिथ्या व भ्रामक प्रचार में अभी से ही जुट गये हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के महोबा रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बसपा-सपा पर सियासी मिलीभगत होने का आरोप लगाया है जो एकदम गलत है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जून 1995 को लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाऊस में सपा नेतृत्व द्वारा उन पर कराये गये जानलेवा हमले के अक्षम्य अपराध के बाद बसपा ने कभी भी सपा से कोई नाम मात्र का भी सियासी मेल-जोल नहीं रखा है। तब से लेकर आज तक लगभग 21 वर्षों की लम्बी अवधि में बसपा हर स्तर पर व हर मोर्चें पर सपा के आपराधिक चाल, चरित्र व चेहरे का लगातार विरोध करती रही है और कभी भी राजनीतिक व चुनावी लाभ-हानि पर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए भाजपा का भ्रामक प्रचार प्रदेश व देश के लोगों के गले उतरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सपा के भ्रष्टाचार व उसके राजनीति के अपराधीकरण का बसपा ने डटकर विरोध किया है तथा इस सम्बन्ध में अनेकों सख्त फैसले लेकर सख्त कानूनी कार्रवाई भी की है। फिर भी प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने पर ही अमादा हैं और वे बसपा पर असत्य आरोप लगा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब जानते हैं कि भारतीय जनसंघ व इसके वर्तमान स्वरुप में भाजपा मुलायम सिंह यादव से 1967 से ही सीधे सम्पर्क में रही और खासकर सन् 1967, 1977 व सन् 1989 में मिलकर चुनाव भी लड़ा है।
इसके अलावा अभी हाल ही में भाजपा व सपा ने एक-दूसरे से खुले तौर पर मिलकर बिहार में धर्मनिरपेक्ष गठबन्धन के खिलाफ विधानसभा आमचुनाव लड़ा था और बुरी तरह से परास्त भी हुए। उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो यह स्पष्ट है कि लोगों ने अनेकों बार देखा कि किस प्रकार सपा-भाजपा यहां एक-दूसरे पर नरम रहते हैं। साथ ही आपसी सांठ-गांठ करके प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव व दंगे की राजनीति करके एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा सरकार के पिछले लगभग साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान दोनों पार्टियों की मिलीभगत के कारण ही प्रदेश की लगभग 22 करोड़ जनता किस प्रकार से जातीय, साम्प्रदायिक व जंगलराज के अभिशाप से परेशान रही हैं, इसको पूरे देश के लोगों ने महसूस किया है।