चंडीगढ़, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल इनेलो से अपना करीब नौ महीने पुराना गठबंधन तोड़ते हुए एलएसपी से नाता जोड़ने की घोषणा की। एलएसपी भाजपा के बागी सांसद राज कुमार सैनी की पार्टी है। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) को चौटाला परिवार में चल रही पारिवारिक कलह के बीच जींद उपचुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। पार्टी के उम्मीदवार उम्मेद सिंह रेढू की जमानत तक जब्त हो गई।
बसपा हरियाणा के प्रभारी मेघराज ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देशों पर बसपा ने आज इनेलो से गठबंधन खत्म कर दिया और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एसएसपी) से गठबंधन कर लिया।’’मेघराज ने कहा कि इनेलो के साथ नाता तोड़ने का निर्णय मायावती ने हरियाणा के लोगों की मांग पर विचार करने के बाद किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नेता मायावती ने उन्हें एकसाथ रहने का अवसर दिया था। जब हमने गठबंधन किया था तो इनेलो एक पार्टी थी। किंतु चौटाला की पार्टी में विभाजन के बाद हमें जींद उपचुनाव में उन्हें परखने का मौका मिला’’ मेघराज ने दावा किया, ‘‘इनेलो उम्मीदवार रेढू को मिले 3400 वोटों में उनके महज 1000 वोट थे, शेष वोट बसपा के थे। लिहाजा हमने गठबंधन पर पुनर्विचार करने का निर्णय किया। हमारा वोटबैंक परेशान हुआ’’ नई व्यवस्था के तहत बसपा और एलएसपी आगामी लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
मेघराज ने बताया कि हरियाणा में बसपा लोकसभा की आठ और एलएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव में 35 सीटों पर और एलएसपी 55 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। बसपा ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि अगर इनेलो एकजुट रहने में विफल रही तो वह उससे अपनी राहें अलग कर लेगी। चौटाला परिवार में पारिवारिक झगड़े के बाद अजय चौटाला और उनके दो बेटों दुष्यंत चौटाला तथा दिग्विजय चौटाला ने पिछले साल जननायक जनता पार्टी बना ली थी।
कुरुक्षेत्र से भाजपा के बागी सांसद सैनी ने पिछले साल ‘लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी’ बनाई थी और उनके उम्मीदवार ने जींद उपचुनाव में इनेलो के रेढू के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था। सत्तारूढ़ भाजपा ने जींद उपचुनाव में जीत दर्ज की जबकि जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला दूसरे नंबर पर रहे। इनेलो और बसपा ने पिछले साल अप्रैल में गठबंधन किया था जिसे सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ने ‘‘सुविधा पर आधारित गठबंधन’’ बताया था।गठबंधन करने के बाद दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की थी।