लखनऊ, अयोध्या मुद्दे का बातचीत और परस्पर सहमति के जरिए समाधान खोजने के प्रयास के तहत आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने आज राजधानी लखनऊ में मुस्लिम धार्मिक नेताओं से बातचीत की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगीमहली के साथ बैठक के बाद रविशंकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बातचीत के जरिए हम हर समस्या हल कर सकते हैं।
अदालत का सम्मान है लेकिन अदालत दिलों को नहीं जोड़ सकती…अगर हमारे दिल से एक फैसला निकले तो उसकी मान्यता सदियों तक चले।’’ रविशंकर कल अयोध्या में भी विभिन्न धार्मिक नेताओं से मिले थे। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि देश से जुडे़ सभी मुद्दों पर बातचीत की जरुरत है। भाईचारे और पुरानी संस्कृति को आगे बढ़ाने की जरुरत है।
एक अन्य सवाल के जवाब में रविशंकर ने कहा कि हम मानते हैं कि काफी देर हो चुकी है लेकिन संभावनाएं मौजूद हैं। हम कोई एजेंडा लेकर नहीं चल रहे हैं बल्कि एक रास्ता खोज रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समय दीजिए। बहुत जल्दबाजी मत करिए। हम सबसे बात करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि जब धार्मिक लोग एकत्र होंगे तो सबसे बात होगी।’’ रविशंकर ने यह विश्वास भी जताया कि इस प्रयास के जरिए देश के लिए कुछ बड़ा हासिल किया जा सकेगा।
फरंगीमहली ने कहा कि अगर दोनों ओर के नेता हर स्तर पर नियमित रूप से बैठकर बात करें तो मतभेद दूर हो जाएंगे। रविशंकर कल फैजाबाद और अयोध्या में निर्मोही अखाडे़ के धीरेन्द्र दास और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिले थे। अयोध्या जाने से पहले वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिले थे।
रविशंकर ने कहा कि कोई सौहार्द्र के विरोध में नहीं है। ये अभी शुरूआत है। हम सबसे बात करेंगे। रविशंकर ने अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी। दोनों ही समुदायों के कुछ संगठन उनकी भूमिका को लेकर आपत्ति व्यक्त कर चुके हैं।