नई दिल्ली/चंडीगढ़, जिस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पूरी दुनिया अपना आदर्श मानता है, उनके पौत्र कनु रामदास गांधी पत्नी संग दिल्ली एक वृद्ध आश्रम में अपनी जिंदगी काट रहे हैं। आज न तो गांधी परिवार और न ही सरकार का नुमांइदा उन्हें पूछने वाला है।
ईनाडु इंडिया से बात करते हुए कनु गांधी ने कहा कि इससे पहले वह गांधी जी द्वारा स्थापित सेवाग्राम आश्रम में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि वहां बापू के नियमों का पालन नहीं होता है और लोग सिर्फ अपने स्वार्थ साध रहे हैं। कनु गांधी पिछले एक सप्ताह से दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर स्थित एक वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं। वृद्ध आश्रम में रहने के बावजूद कनु गांधी इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराते हैं। जब उनसे पूछा गया कि आप दिल्ली कैसे पहुंचे तो उनका कहना था कि यह भगवान की मर्जी है। उनका कहना है कि यहां उन्हें लोगों की बहुत मदद मिल रही है।
कनु गांधी महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास के बेटे हैं। जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी उस वक्त कनु 17 साल के थे। इस वक्त कनु गांधी की उम्र 87 साल है और उनकी पत्नी 85 साल की है। उनके कोई संतान नहीं है। हालांकि वृद्धा आश्रम के मालिक और उनके स्टाफ उनका काफी ख्याल रख रहे हैं। आश्रम के मालिक का कहना है कि यह शर्म की बात है कि गांधी जी के पौत्र इस हाल में जिंदगी बसर कर रहे हैं। जब से लोगों को पता चला है कि गांधी जी के पौत्र वृद्ध आश्रम में हैं तब से वहां लोगों की भीड़ लगने लगी है।
वहीं, गांधी परिवार के सदस्य कहते हैं कि वह अपनी मर्जी से दिल्ली गए हुए हैं। उनका मानना है कि उनकी देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है। उनका कहना है कि गांधी स्मृति से जुड़े कई संगठन उनकी देखरेख पिछले चार साल से कर रहे हैं, लेकिन वह अपनी मर्जी से दिल्ली चले गए हैं। उन्होंने कहा कि गांधी आश्रम भी उन्हें आरामदायक जिंदगी देने को तैयार है।
कनु गांधी नासा में कर चुके हैं काम:- कनुभाई और उनकी पत्नी लंबे समय तक हैंपटन, वर्जीनिया में रहे हैं जहां कनु नासा लेंजली रिसर्च सेंटर में काम करते थे। कनु यूएस. सरकार के डिफेंस डिपार्टमेंट में भी काम कर चुके हैं। कनु की पत्नी बायोकैमेस्ट्री में पीएचडी हैं पहले वह बोस्टन में पढ़ाती थीं उसके बाद उन्होंने बोस्टन बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में रिसर्च करने के लिए जॉब छोड़ दी थी।