मुंबई, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा है कि बाबरी विध्वंस मामले में 25 साल बाद आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाया जाना भारतीय न्यायपालिका के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आडवाणी के खिलाफ लगे आरोप को आधारहीन करार देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के इस दिग्गज नेता ने बाबरी विध्वंस को लेकर अफसोस प्रकट किया था और इसे अपने जीवन का सबसे दुखद दिन करार दिया था।
मुंबई आधारित थिंकटैंक आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख कुलकर्णी ने कहा कि अगर सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में पहले ही प्रतिदिन सुनवाई का निर्देश दिया होता तो दोषी को सजा हो गई होती और निर्दोष लोग अब तक बरी हो गए होते। उन्होंने कहा, आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला निराधार है। इस साजिश का बिल्कुल भी हिस्सा नहीं थे। जो हुआ उसके लिए उन्होंने अफसोस जताया था और बाबरी विध्वंस के तत्काल बाद लिखा था कि यह उनके जीवन का सबसे दुखद दिन था।