नई दिल्ली, धोनी पर बन रही बायोपिक एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी 30 सितंबर को रिलीज होने वाली है। इससे पहले क्रिकटरों के बीच इस बात को लेकर बहस शुरू हो गई है कि,क्रिकेटरों पर बायोपिक बनाई जानी चाहिए या नहीं। गौतम गंभीर का मानना है कि क्रिकेटरों पर बायोपिक नहीं बनाई जानी चाहिए, लेकिन उनके पूर्व साथी सुरेश रैना की राय इसके ठीक विपरीत है और उनके अनुसार इस तरह की फिल्मों से आम आदमी को खुद के और देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है।
गंभीर ने पिछले दिनों कहा था कि क्रिकेटरों पर बायोपिक नहीं बनाई जानी चाहिए क्योंकि क्रिकेटर इसके लायक नहीं है। देश में अन्य कई लोगों का योगदान क्रिकेटरों से ज्यादा है। इसलिए क्रिकेटरों की बजाए उनके जीवन पर बायोपिक बनाई जानी चाहिए। इसके बाद उरी आतंकी हमला हुआ और गंभीर ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ियों के बजाए उरी आतंकी हमले में मारे गए शहीदों पर बायोपिक बनाई जानी चाहिए। हालांकि गंभीर ने महेंद्र सिंह धोनी का नाम नहीं लिया था, लेकिन साफ माना जा रहा था कि उनका निशाना माही ही है।
अब रैना ने इस बहस में कूदते हुए क्रिकेटरों पर बनने वाली बायोपिक का समर्थन किया। रैना ने कहा, सचिन या धोनी के महान बनने के दौरान किए गए संघर्ष को फिल्मों में दिखाया जाना चाहिए। आप कभी नहीं जान पाते हो कि तेंदुलकर या धोनी क्रिकेटर क्यों बने। वो भी साधारण परिवार से थे लेकिन अपने कार्यों की वजह से महान बने। जब क्रिकेटर के जीवन पर बायोपिक बनती है तो लोगों का जानने को मिलता है कि वे किस संघर्ष से गुजरकर इस मुकाम तक पहुंचे।