बाराबंकी, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही समेत कई जिलों में एसआईआर पर सपा ने उठाये सवाल

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में चल रही विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि बाराबंकी, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, रायबरेली और बुलंदशहर में सामने आई गड़बड़ियों की तत्काल जांच कर पारदर्शी ढंग से सुधार कराए जायें।
श्यामलाल पाल का कहना है कि बाराबंकी की सभी विधानसभा क्षेत्रों में अधिकांश मतदाताओं के गणना प्रपत्रों को बीएलओ द्वारा गलत तरीके से “थर्ड ऑप्शन” में सबमिट कर दिया गया है जबकि मतदाता अपने माता-पिता, दादा-दादी अथवा नाना-नानी के नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज होने का पूरा विवरण सही प्रकार से दे चुके थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने बीएलओ ऐप में एडिट सुविधा उपलब्ध कराई है, इसलिए सभी गणना प्रपत्रों की जांच कर उन्हें “फर्स्ट” या “सेकंड ऑप्शन” में संशोधित कर पुनः सबमिट कराया जाए।
इसी तरह प्रयागराज शहर पश्चिमी विधानसभा के मतदेय स्थल संख्या 211 में 2003 की सूची में यहाँ 1501 मतदाता दर्ज थे, जबकि अब अपलोड की गई सूची में केवल 696 नाम हैं। पार्टी ने 805 मतदाताओं के “लापता” होने पर गंभीर चिंता जताते हुए तत्काल खोज और सुधार की मांग की है।
वहीं भदोही विधानसभा क्षेत्र के मतदेय स्थल संख्या 22 और 23 पर मतदाताओं द्वारा जमा किए गए 154 गणना प्रपत्रों के गायब होने का आरोप भी सपा ने लगाया है। पार्टी का कहना है कि न तो यह प्रपत्र अपलोड हुए हैं और न ही ईआरओ कार्यालय में उपलब्ध हैं। मिर्जापुर विधानसभा में भी सपा समर्थक मतदाताओं को गणना प्रपत्र न दिए जाने का आरोप लगाया गया है। सपा ने कहा कि मतदेय स्थल संख्या 29, 32, 33, 35, 50, 83, 84 और 91 पर बीएलओ ने जानबूझकर प्रपत्र न देकर उन्हें “लापता” श्रेणी में सबमिट कर दिया है। पार्टी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच और पुनः सबमिशन कराने की मांग की।
रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ द्वारा मतदाताओं को रिसीविंग न देने और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होने का मुद्दा भी ज्ञापन में शामिल है। बुलंदशहर विधानसभा क्षेत्र में सपा समर्थक मतदाताओं के गणना प्रपत्र न सबमिट कर उन्हें कथित रूप से भाजपा नेता को सौंपे जाने का आरोप भी पार्टी ने लगाया है। सपा ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।





