ओवैसी पर बिना अनुमति जनसभा करने और लोगों को रामसनेही घाट स्थित मस्जिद के नाम पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के अलावा मुकदमे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप है।
पुलिस प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाराबंकी शहर की सिटी पुलिस चौकी प्रभारी हरिशंकर साहू की तहरीर पर ओवैसी के खिलाफ बगैर अनुमति के जनसभा करने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस बीच उप जिलाधिकारी सदर पंकज सिंह ने बताया कि बिना अनुमति के जनसभा करने व कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन सहित अन्य बातें सामने आई हैं। कार्यक्रम के वीडियो व फुटेज एकत्र किए जा रहे हैं। कल देर रात करीब 10 बजे बाराबंकी नगर कोतवाली में यह मुकदमा दर्ज हुआ है।
गौरतलब है कि दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने ओवैसी व कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की मांग करते हुए कल शाम राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह से की थी। उसकी प्रति जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भेजी थी।
विधायक सतीश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा था कि गुरुवार को कटरा मुहल्ला में बिना अनुमति के मीटिंग कर ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रामसनेहीघाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद कराने का आरोप लगाया है, जो निंदनीय व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है, जबकि अवैध ढांचे को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है।
बाराबंकी जिला प्रशासन ने ओवैसी के कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी गई थी। पार्टी के पदाधिकायिों ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात और चाय पार्टी करने की मंजूरी ली थी। लेकिन को बड़े से मैदान में बाकायदा मंच बनाकर जनसभा करा दी गई। कार्यक्रम में सैकड़ों की भीड़ जुटी जबकि जिला प्रशासन ने सिर्फ 50 लोगों की अनुमति दी गई थी। जनसभा मैं गैर जिलो से भी लोग शामिल हुए थे। जब विधायक ने अपर मुख्य सचिव गृह से इसकी शिकायत की तब पुलिस हरकत में आई और ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।