नयी दिल्ली, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि बच्चों की सुरक्षा और उनके संरक्षण को सरकार प्राथमिकता दे रही है इसलिए बाल संरक्षण से सम्बंधित कानूनों को लेकर निरंतर चर्चा और इसमें बदलाव किया जा रहा है।
श्री ईरानी ने बाल न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन के समक्ष रखते हुए कहा कि इस विधेयक का मकसद मामलों का तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने तथा जवाबदेही बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी को सशक्त बनाना है। इस विधेयक के माध्यम से बाल न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 में संशोधन किया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चों के संरक्षण के ढांचे को जिलावार एवं प्रदेशवार मजबूत बनाने के उपाए किये गए हैं। इन प्रस्तावित संशोधनों में जे जे अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने के मुद्दे को जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है ताकि ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा किया जा सके और जवाबदेही तय की जा सके।
इसके तहत जिला अधिकारियों को कानून के तहत निर्बाध अनुपालन सुनिश्चित करने और कठिनाई में पड़े बच्चों के लिये सुसंगत प्रयास करने के लिये अधिकार सम्पन्न किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट को अधिनियम के तहत और अधिक सशक्त बनाते हुए कानून के सुचारु क्रियान्यवन का भी अधिकार दिया गया है जिससे संकट की स्थिति में बच्चों के पक्ष में समन्वित प्रयास किए जा सके। बच्चे अब प्रशासन की प्राथमिकता में आएंगे।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) सदस्यों की नियुक्ति संबंधी योग्यता मानदंडों को परिभाषित किया गया है ताकि चाइल्ड केयर केंद्रों को कानूनी प्रक्रियाओं काे मानने के लिए बाध्य किया जा सके।