नई दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ‘बाहुबल’ की नीति से जम्मू-कश्मीर का मसला नहीं सुलझेगा। उन्होंने कहा कि सारी सरकारों ने ज्यादा सैनिकों की तैनाती करके और प्रदर्शनकारियों को मौत की घाट उतारकर इस ‘चुनौती’ से निपटने की कोशिश की है।
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर की हर सरकार और केंद्र की हर सरकार ज्यादा चेतावनियों, ज्यादा सैनिकों और ज्यादा कानूनों के जरिए इस चुनौती से निपटी है।’ चिदंबरम ने लिखा, ‘बाहुबल वाली नीति से कोई फायदा नहीं होने वाला- मंत्रियों के सख्त बयान, थलसेना प्रमुख की नतीजे भुगतने की चेतावनी, ज्यादा सैनिकों की तैनाती या प्रदर्शनकारियों को मारकर।’
दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि आतंकवादियों और सुरक्षा बलों दोनों तरफ से मारे जा रहे कश्मीर के लोगों का दिल जीतना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में हालात बिगड़े हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की पिछली सरकार के वक्त हालात सामान्य हुए थे, लेकिन पीडीपी-भाजपा की मौजूदा सरकार के दौरान हालात बिगड़े हैं। दिग्विजय ने कहा, ‘जिन्होंने अपनी आंखें गंवा दी, जिनका पूरा परिवार मारा गया, वे दोनों तरफ से मारे जा रहे हैं, एक तरफ आतंकवाद उनकी जान लेता है, दूसरी तरफ हमारे सुरक्षा बल उन्हें मारते हैं। हालात सामान्य हुए थे।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘2005 से लेकर 2013-14 तक, सिर्फ एक साल 2010-11 में कुछ गड़बड़ी हुई थी, सामान्य तरीके से चुनाव होने लगे थे, शांति कायम हुई थी। लेकिन पीडीपी-भाजपा की सरकार आई और अविश्वास की भावना पनप गई। यदि आपको कश्मीर अपने साथ रखना है तो क्या आप वहां के लोगों को अपने साथ नहीं रखेंगे? आप उनमें विश्वास पैदा करेंगे कि नहीं?’ चिदंबरम और दिग्विजय जैसे वरिष्ठ नेताओं ने ऐसे समय में बयान दिए हैं जब कश्मीर में अशांति लगातार कायम है।