बिना मान्यता चल रहे संस्थानों के खिलाफ मामले में सुनवाई 12 को

लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में कथित रूप से बगैर मान्यता के चल रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कारवाई के आग्रह वाली जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 12 सितंबर को नियत की है।

अदालत ने याची को, याचिका में बाराबंकी के श्रीराम स्वरुप विश्वविद्यालय को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। याचिका में इस विश्वविद्यालय में कानून की कथित फर्जी डिग्री प्रकरण का मुद्दा भी उठाया गया है।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश आशीष कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याची का कहना था कि श्रीराम स्वरूप विश्वविद्यालय के पास विधि शिक्षा पाठ्यक्रम की मान्यता नहीं होने के बावजूद छात्रों का एडमिशन लिया गया। यह न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि कानून के भी खिलाफ है।

याचिका में आग्रह किया गया है कि मामले की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया जाए और श्रीराम स्वरुप विश्वविद्यालय समेत बिना मान्यता चल रहे संस्थानों के खिलाफ कड़ी करवाई के निर्देश दिए जाएं। याची ने कोर्ट से आग्रह किया कि ऐसे संस्थानों को बंद किया जाए जो बिना मान्यता छात्रों को प्रवेश देकर डिग्रियां बांट रहे हैं।

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