लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय के नये संविधान की वकालत करने संबंधी बयान को उनके अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन बताते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को इस पर तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
बसपा ने ट्वीट कर कहा “ आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकारक्षेत्र का खुला उल्लंघन है, जिसका केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई
करनी चाहिए ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके।”
मायावती ने आगे कहा “ देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछडी और उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी और समतामूलक होने की गारंटी है, जो स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं और वे इसको जन विरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदले की बात करते हैं जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी।”
गौरतलब है कि श्री देबराय ने “ दि मिंट ” में एक लेख में लिखा कि एक नया संविधान अपनाने का आधार दिख रहा है और इस बारे में विचार किया जाना चाहिए। उनकी इस राय के चलते काफी लोग नाराज हो गए। देबरॉय को अरेस्ट करने की मांग की जाने लगी।