पटना, बिहार में तीसरे चरण की पांच लोकसभा सीट झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओं ने 9848 मतदान केंद्रों पर वोट कर कुल 54 उम्मीदवारों के भाग्य का निर्णय आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर दिया।
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) एच. आर. श्रीनिवासन ने मंगलवार को इन पांच संसदीय क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के बाद यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया के 5129473 पुरुष, 4730602 महिला और 322 थर्ड जेंडर सहित कुल 9860397 मतदाताओं में से लगभग 60 प्रतिशत ने 9848 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन पांच संसदीय क्षेत्रों में 61.22 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो इस बार के चुनाव से 1.22 प्रतिशत अधिक था। इस चुनाव में सेवा निर्वाचकों की कुल संख्या 14128 रही, जिसमें 13456 पुरुष और 672 महिला शामिल हैं।
श्री श्रीनिवासन ने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सुपौल संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 65.70 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार अररिया में सबसे अधिक 62.80 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, पिछले चुनाव में झंझारपुर में सबसे कम 57.24 प्रतिशत और इस बार भी झंझारपुर में ही सबसे कम 55.50 प्रतिशत मतदान हुआ।
सीईओ ने बताया कि वर्ष 2019 के आम चुनाव में झंझारपुर में 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ, जो इस बार के चुनाव में 1.74 प्रतिशत कम होकर 55.50 प्रतिशत रहा। इसी तरह पिछले चुनाव की तुलना में सुपौल में मतदान प्रतिशत 65.70 से 3.3 प्रतिशत घटकर 62.40, अररिया में 64.78 से 1.98 प्रतिशत कम होकर 62.80 प्रतिशत रह गया। उन्होंने बताया कि हालांकि इस बार मधेपुरा और खगड़िया में पिछली बार के मुकाबले मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। मधेपुरा में 60.86 से 0.14 प्रतिशत बढ़कर 61.00 प्रतिशत और खगड़िया में 57.68 के मुकाबले 0.52 प्रतिशत अधिक होकर 58.20 प्रतिशत पर पहुंच गया है।