नई दिल्ली, शराबबंदी एक्ट पर बिहार के नीतीश कुमार सरकार को कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और शराब कंपनियों को इस बाबत नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के उस फैसले के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी, जिसके तहत बिहार सरकार द्वारा राज्य में सभी प्रकार की शराब की बिक्री और सेवन पर लगाए गए प्रतिबंध को निरस्त कर दिया गया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने कुछ शराब निर्माताओं समेत सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। इन प्रतिवादियों की याचिका के आधार पर ही उच्च न्यायालय ने नीतीश कुमार सरकार के प्रतिबंध कानून को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अब आठ सप्ताह बाद करेगा। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के 30 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसने राज्य में शराब की बिक्री और सेवन को प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना को खारिज कर दिया था। हालांकि यह कानून निरस्त किए जाने पर, शराब की बिक्री और सेवन को प्रतिबंधित करने के लिए नीतीश सरकार दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर एक नया कानून अधिसूचित कर दिया था। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान राज्य की महिलाओं से वादा किया था कि वो दोबारा सत्ता में आने के बाद राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कराएंगे और अपने इसी वादे को पूरा करते हुए उन्होंने बिहार में सभी तरह की शराब को बेचने और खरीदने पर रोक लगा दी थी।