वाराणसी ,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रा से हुई छेड़खानी के बाद हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में अब विवि के चीफ प्रॉक्टर ने मंगलवार देर रात इस्तीफा दे दिया है. बीएचयू मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. लाठीचार्ज को लेकर बयान देने वाले यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं . प्रॉक्टर ओंकारनाथ सिंह का इस्तीफा मंजूर भी हो गया है.
इससे पहले मंगलवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने इस मामले में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव, राजीव कुमार को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में गोकर्ण ने बीएचयू प्रशासन को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएचयू ने पीड़ित की शिकायत का संवेदनशील तरीके से निपटारा नहीं किया, समय पर स्थिति को नहीं संभाला. जिससे लाठीचार्ज जैसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम की जरूरत आ पड़ी.
बीएचयू में हुए लाठीचार्ज का स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राज्य सरकार से पूरे मामले की जानकारी मांग ली है। एनएचआरसी ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी मांगी है। जिसके चलते राज्य सरकार जल्द ही आयोग को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही अब तक हुई कार्रवाइयों का विवरण भी भेज देगा।