बीएचयू में संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति पर मायावती का बयान

लखनऊ, संस्कृत शिक्षक के पद पर मुस्लिम की नियुक्ति को लेकर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की तारीफ करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरूवार को कहा कि सरकार के ढिलमुल रवैये के चलते मामले को बेवजह राजनीतिक तूल दिया जा रहा है जिसमें अविलंब रोक की जरूरत है।

मायावती ने ट्वीट किया “ बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।”उन्होने कहा “बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा।

”गौरतलब है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों का एक गुट संस्कृत पढ़ाने के लिए एक मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति के खिलाफ आंदलोन कर रहा है। छात्रों का कहना है कि उन्हें उनके धर्म और संस्कृति की शिक्षा सिर्फ एक ‘आर्य’ ही दे सकता है।उधर, बीएचयू ने एक बयान जारी कर कहा है कि विश्वविद्यालय में कुलपति की अध्यक्षता में चयन समिति ने डा फिरोज खान की नियुक्ति की थी। चयन समिति के सदस्यों में विषय विशेषज्ञों के अलावा विजिटर नॉमिनी, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष और ओबीसी पर्यवेक्षक भी मौजूद थे।

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