नयी दिल्ली , सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड के मोबाइल टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर को अलग करते हुये इसे कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली एक अलग कम्पनी के हवाले करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, निजीकरण की आशंका से कर्मचारियों मे सुगबुगाहट है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि दो वर्षाें में बीएसएनएल का टावर कारोबार अलग हो जायेगा। हालांकि, उन्होंने इसे बीएसएनएल के निजीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया।
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उन्होंने कहा कि बीएसएनएल पूर्ण स्वामित्व वाली एक अलग कंपनी बनाकर अपने टावर इंफ्रास्ट्रक्चर काे अलग करेगी। देश में लगभग 4,42,000 मोबाइल टावर हैं, जिसमें से 66,000 से अधिक मोबाइल टावर बीएसएनएल के हैं जो देश में स्थित कुल टेलीकॉम टावर का 15 प्रतिशत है।
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देश में दूरसंचार टावर उद्योग टेलीकॉम कंपनियों के लिए बुनियादी सुविधा प्रदाता के रूप में एक स्वतंत्र व्यवसाय के रूप में उभरा है।
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