पटना,पटना की एक अदालत में भाजपा का “समर्पित कार्यकर्ता” होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने पिछले महीने जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा परिसर में उसके साथ मारपीट और लूट का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उनके निजी सहायक, भाजपा के दो विधायकों और अन्य लोगों के खिलाफ गुरुवार को एक मुकदमा दर्ज कराया है ।
शिकायतकर्ता संजीव वर्मा ने पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार गुंजन की अदालत में भादंवि की धारा 147, 323, 379 और 392 के तहत उक्त मुकदमा गुरुवार को दायर कराया है जिसमें रविशंकर, विधायक अरुण कुमार सिन्हा और नितिन नवीन, कानून मंत्री के पीए संजीव कुमार सिंह और पांच अन्य लोगों के अलावा 10 अनाम लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। खुद को भाजपा का “समर्पित कार्यकर्ता” बताने वाले वर्मा ने आरोप लगाया है कि वे 23 मार्च को हवाई अड्डे पर थे, जब पटना साहिब सीट से भाजपा के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद रविशंकर पहली बार पटना शहर में आए थे।
उन्होंने कहा कि कुछ असंतुष्ट भाजपा समर्थक घटनास्थल पर मौजूद थे जो केंद्रीय मंत्री को उम्मीदवार घोषित किए जाने से नाराज थे और उन्होंने कुछ अन्य उम्मीदवारों के दावे की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि वे अपने कुछ दोस्तों जो कि “पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता” हैं, के साथ घटनास्थल पर मौजूद थे पर वे उन आंदोलनकारियों के साथ किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे जिन्होंने “रविशंकर प्रसाद वापस जाओ” जैसे नारे लगाए और काले झंडे लहराए ।
वर्मा ने आरोप लगाया है कि जब रविशंकर के समर्थक ‘हिंसक’ हो गए, तो वे और उनके सहयोगी खुद को बचाने के लिए उस जगह से दूर जाने लगे पर मंत्री और दोनों विधायकों ने उनका पीछा करने और उनपर हमला करने के लिए अपने समर्थकों को उकसाया। वर्मा ने आगे आरोप लगाया है कि रविशंकर की उम्मीदवारी का विरोध करने का साहस करने का आरोप लगाते हुए उनके समर्थकों ने उन्हें पकड़ लिया, कई घूंसे मारे, गालियां दीं । शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि हमलावरों ने उनसे 3500 रुपये छीन लिए, जो उन्होंने अपनी शर्ट की जेब में रखे थे।
वर्मा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बाद में उनकी लिखित शिकायत पर विचार करने से इनकार कर दिया और जब वह पार्टी कार्यालय गए, तो उन्हें पदाधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले की सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल निर्धारित करते हुए शिकायतकर्ता को उस दिन व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का निर्देश दिया । भाजपा सूत्रों ने वर्मा के पार्टी के साथ जुड़े होने की तत्काल पुष्टि नहीं की है ।