लखनऊ , मायावती ने आज पार्टियों से गठबंधन किए जाने के मामले में कोई इनकार नहीं किया है. निकाय चुनाव को देखते हुए समीक्षा बैठक में मायावती ने कहा कि जहां तक बीजेपी व अन्य साम्प्रदायिक पार्टियों को सत्ता में आने से रोकने के लिए विधानसभा व लोकसभा आमचुनाव में सेक्यूलर पार्टियों के साथ गठबन्धन करके चुनाव लड़ने का सवाल है तो बीएसपी इसके खिलाफ नहीं बल्कि इसकी पक्षधर है.
बैठक में मायावती ने कहा कि पहली बार पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव में उतरी है. उन्होंने बीजेपी के संकल्प पत्र पर कहा कि बीजेपी जनता को ठगने वाली बदनाम पार्टी बन गई है. मायावती ने कहा कि ये दुष्प्रचार है कि बीएसपी प्रमुख ने संगठन में भाई और भतीजे को आगे करके दो पीढ़ियों का प्रबंध किया है. उन्होंने कहा कि दरअसल बीएसपी मूवमेंट के लिए जिस जुझारू, संघर्षशील, परिपक्व नेतृत्व की आगे जरूरत होगी, वह अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है.
इसी मजबूरी के कारण आनंद कुमार को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके पुत्र आकाश अपनी पढ़ाई के साथ पिता के काम में हाथ बंटाते हैं. उन्हें पार्टी ने कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. मायावती ने कहा कि बीजेपी व अन्य साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने से रोकने के लिए बीएसपी गठबंधन के बिलकुल खिलाफ नहीं है. लेकिन पार्टी किसी भी सेक्युलर पार्टी के साथ गठबंधन तभी करेगी, जब बंटवारे में सीटें सम्मानजनक मिलेंगीं.
मायावती ने खुलासा किया कि गुजरात और हिमाचल में गठबंधन को लेकर कांग्रेस से बात हुई थी. उन्होंने कांग्रेस से कुल 182 सीटों में से कांग्रेस द्वारा हारी हुई 25 सीटें देने को कहा था लेकिन कांग्रेस नहीं मानी. इसी तरह हिमाचल की कुल 68 सीटों में से बीएसपी ने कांग्रेस की हारी 10 सीटें मांगी थीं. लेकिन इस पर भी उन्होंने रुचि नहीं ली.