कानपुर, बीजेपी नेता व शताब्दी ट्रेवल्स के मालिक के नौ ठिकानों पर कर अपवंचना के मामले में आयकर की टीमों ने छापा मारा। एक साथ रेड करते हुए टीम ने कर चोरी से जुड़े दस्तावेजों को जब्त कर लिया। यात्री ट्रेवल्स की आड़ में करोड़ों का माल बसों के जरिए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पहुंचाने का खेल आयकर के सामने आया है। जिसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
फजलगंज चौराहे पर शताब्दी ट्रेवल्स का आफिस व उसके पीछे करोड़ों रुपये का आलीशान बस डिपो के साथ कई गोदामों के मालिक लालू गंगवानी बीजेपी नेता है। मंगलवार को ट्रेवल्स कंपनी द्वारा कर चोरी की जानकारी पर आयकर की नौ टीमों ने पुलिस फोर्स के साथ बीजेपी नेता के आवास, आफिस, डिपो सहित नौ ठिकानों पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़क प मच गया। आवास पर बीजेपी नेता समेत परिवार के सभी सदस्यों से गहन पूछताछ की गई और दस्तावेज व क प्यूटर का खंगाला गया। इसी तरह फजलगंज स्थित डिपो व ऑफिस के साथ कैनाल रोड स्थित गोदम में कार्रवाई के दौरान टीम को कई अहम कर चोरी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। यहीं नहीं ट्रेवल्स कपंनी द्वारा संचालित की जा रही लग्जरी बसों को भी ब्योरा लेते हुए आयकर के अफसरों ने कर्मचारियों व मैनेजर सहित अन्य स्टाफ कर्मियों से भी पूछताछ की।
ऑफिस व डिपो के दस्तावेजों को खंगालने पर करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया है। जिसको लेकर आयकर अफसरों द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आयकर टीम में शामिल इंस्पेक्टर महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि दस्तावेजों को खंगालने में कर चोरी समेत हेराफेरी का मामला पकड़ा गया है। जांच अभी चल रही है। शाम तक स्थिति साफ हो सकेगी की, किस स्तर पर कर चोरी की जा रही है। बताते चलें कि शताब्दी ट्रेवल्स के मालिक लालू गंगवानी कर अपवंचना के मामले में अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं। हर साल ट्रेवल्स कंपनी के ठिकानों पर दर्जनों बार आयकर की टीम छापेमारी की कार्रवाई करती है। लेकिन कंपनी मालिक अपने रसूख के बल पर हमेशा कार्रवाई से बच जाते हैं। यहीं नहीं सूत्रों की माने तो करोड़ों रुपये की कर चोरी सहित ट्रेवल्स कंपनी की आड़ में एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में टैक्स चोरी का माल पहुंचाने में भी इनकी बसों को बड़े पैमाने पर होता है। आये दिन की आयकर कार्रवाइयों से बचने के लिए ट्रेवल्स कंपनी के मालिक ने बीजेपी का दामन थाम रखा है। यहीं नहीं पार्टी के कई बड़े कार्यक्रमों में खर्च को लेकर इनकी सक्रियता बनी रहती है।