भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बताया गया कि, ‘मनोज तिवारी पर हमला उस समय हुआ जब वह बवाना उपचुनाव के लिए एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। ऐसा लगता है कि चुनाव में अपनी हार को सामने देख विपक्षी पार्टियां हिंसा पर उतारू हो गई हैं। हमले में मनोज को किसी प्रकार की चोट नहीं लगी है।’
बवाना में 23 अगस्त को उपचुनाव होना है, इस सीट से विधायक वेद प्रकाश ने आप पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है और वह मैदान में हैं। सूत्रों के अनुसार, असलियत कुछ और है. मनोज तिवारी के नोटबंदी के फायदे बताने के बाद ही बवाल हो गया. मीडिया मे यह खबर दबा दी गयी. जिसकी सोशल मीडिया पर खूब प्रतिक्रिया हो रही है-
गौर किया आपने टीवी चैनल भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की पिटाई की खबर नहीं चला रहे. इसे समझेंगे तो नजीब के हत्यारों से सीबीआई और पुलिस की नरमी का रहस्य समझ जायेंगे.
दरअसल वे इसलिए खबर नहीं चला रहे कि यदि भाजपा के दिल्ली प्रदेश- अध्यक्ष की पिटाई की खबर देश भर के लोग जान गये तो उन्हें जनता के आक्रोश की खबर लग जायेगी ! इससे नुकसान दो होगा- एक यह सिलसिला सा चल पड़ा देश भर में तो ख़तरा है और दूसरा कि भाजपा, एबीवीपी, बजरंग दल, संघ आदि की अजेयता और उनके सरकारी संरक्षण का जो आतंक है वह खत्म हो जायेगा.
समझे कुछ. नकारात्मक ख़बरें भी कभी-कभी दबंगई और गुंडई को स्थापित करती हैं, सारे डॉन, अपराधी यही करते हैं. खुद के पिटने की भनक तक नहीं लगने देते और अपने द्वारा किसी की पिटाई को सुर्खियाँ दिलवाते हैं !
बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को सभा संबोधन के समय मारने की घटना शर्मनाक है दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये ! मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।
दिल्ली में बवाना में जिस तरह से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ मारपीट हुई, वो कतई अच्छी बात नहीं है। आप लोगों को बार बार समझाया गया कि शांति से बैठो और भाषण सुनो। लेकिन कुछ लोग बीच-बीच में हुआ हुआ चिल्लाते रहे जो शोभा नहीं देता। एक खलिहर आदमी तो मंच के पीछे छिप गया,बताइए ये क्या बात हुई। ये आदमी हर बार मनोज तिवारी को पीछे से गठान फेंककर मारता रहा। थोड़ी लाइट गई तो पीछ से किसी ने थप्पड़ भी जमा दिया। और बेशर्मी देखिए, जब पूछा कि किसने मारा तो कोई बोलता है, भूत ने मारा।
ये भूत ऐसे ही क्यों मारता है! भाजपा के नेताओं को ही क्यों मारता है?
बाद में तो कई लोगों ने खुलकर मारा, उसकी शिकायत नहीं है। ऐसे तो कई बार भाजपाई पिटते रहे हैं क्योंकि फितरत से छिछोरे हैं। सवाल ये है कि भूत क्यों और किसलिए मारता है? गठान फेंककर क्यों मारता है?
मारने के पहले और बाद में हुआ हुआ क्यों करता है?