स्वराज्य अभियान के संयोजक ने बुंदेलखंड की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यहां अकाल के हालात बनते जा रहे हैं। जितनी बहस घास की रोटी पर हुई है, उतनी यदि बुंदेलखंड में पड़ रहे सूखे पर होती तो बुंदेलखंड के लोगों को शायद कुछ मदद मिल जाती। ललितपुर दौरे पर आए योगेंद्र यादव ने कहा कि 39 फीसदी हिस्से में सूखे के हलात हैं, जिससे 50 करोड़ लोग प्रभावित हैं। 17 फीसदी लोग घास की रोटी(फिकार) खाने को मजबूर हैं। हालात यहां तक खराब है कि किसान अपनी जमीन और मवेशी बेच रहे हैं।किसानों के पास रोजगार का साधन नहीं है।
योगेंद्र यादव ने कहाकि 12 राज्यों में से 8 राज्यों ने सूखाग्रस्त जिले घोषित किए हैं। बिहार, गुजरात और हरियाणा ने अब तक सूखाग्रस्त जिले घोषित नहीं किए। इसको लेकर प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में 16 दिसंबर को अर्जी लगाई थी। इस पर 4 जनवरी को सुनवाई हुई। कोर्ट ने 10 दिन के भीतर राज्य से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 18 जनवरी को है। भ्रष्टाचार को लेकर 27 और 28 फरवरी को दिल्ली में प्रशांत भूषण ने बैठक बुलाई है।
योगेंद्र यादव ने कहा- सरकार ने हमारी कुछ मांगें मानी है। इसमें बुंदेलखंड को 24 घंटे बिजली देना। चारा डिपो खोलना, हैंडपंड ठीक करना,शामिल है