मुंबई, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अगले महीने से ब्याज दर बढ़ाने की गति धीमी रखने के संकेत से वैश्विक बाजार में रही तेजी की बदौलत बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में वैश्विक रुख, बुनियादी उद्योग और वाहन बिक्री आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 630.16 अंक की तूफानी तेजी के साथ सप्ताहांत पर सार्वकालिक नये शिखर 62 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 62293.64 अंक पर रहा। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 205.1 अंक की छलांग लगाकर 18500 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 18512.75 अंक पर टिकने में सफल रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों तरह मझौली और छोटी कंपनियों के प्रति भी निवेशकों की निवेश धारण मजबूत रही। इसकी बदौलत मिडकैप 460.71 अंक उछलकर सप्ताहांत पर 25595.63 अंक और स्मॉलकैप 451.58 अंक मजबूत होकर 29201.69 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के जारी मिनट्स में कहा गया है कि अमेरिका में अगले महीने से ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने की गति धीमी रह सकती है। अगले सप्ताह भी इसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। साथ ही अगले सप्ताह बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का भी असर रहेगा।
एफआईआई ने नवंबर में अबतक कुल 167,798.24 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 156,439.76 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे उनका शुद्ध निवेश 11,358.48 करोड़ रुपये रहा। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा कमजोर रही है। उन्होंने बाजार में कुल 108,531.06 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 110,119.49 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 1,588.43 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे।
इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह आठ बुनियादी उद्योग के अक्टूबर में प्रदर्शन का आंकड़ा और नवंबर में वाहन बिक्री के जारी होने वाले आंकड़ों की बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भमिका रहेगी।
चीन में कोविड की रोकथाम के लिए एक बार फिर से नये प्रतिबंध लगाए जाने से वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को लेकर बढ़ी चिंता के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट से हताश निवेशकों की स्थानीय स्तर पर आईटी, यूटिलिटीज, पावर, रियल्टी और टेक समेत 17 समूहों में हुई बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 518.64 अंक लुढ़ककर 61144.84 अंक और निफ्टी 147.70 अंक का गोता लगाकर 18159.95 अंक पर रहा।
वहीं, चीन में नए कोविड प्रतिबंधों की घोषणा के बावजूद निवेशकों के जोखिम उठाते हुए किए गए निवेश की बदौलत वैश्विक बाजार में लौटी तेजी के प्रभाव से स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, एफएमसीजी, आईटी, धातु और टेक समेत पंद्रह समूहों में हुई लिवाली से शेयर बाजार के पिछले लगातार तीन दिन की गिरावट का सिलसिला मंगलवार को थम गया।सेंसेक्स 274.12 अंक की तेजी लेकर 61418.96 अंक और निफ्टी 84.25 अंक मजबूत होकर 18244.20 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह वैश्विक बाजार की तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, बैंकिंग, ऑटो, धातु और तेल एवं गैस समेत बारह समूहों में हुई लिवाली से बुधवार को सेंसेक्स 91.62 अंक की बढ़ोतरी के साथ 61510.58 अंक और निफ्टी 23.05 अंक की बढ़त लेकर 18267.25 अंक पर रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अगले महीने से ब्याज दर बढ़ाने की गति धीमी रखने के संकेत से वैश्विक बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 762.10 अंक की तूफानी तेजी लेकर 62 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 62272.68 अंक के नये शिखर पर पहुंच गया। इसी तरह निफ्टी भी 216.85 अंक की उड़ान भरकर 18484.10 अंक पर रहा। वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सीडी, ऊर्जा, दूरसंचार, ऑटो समेत पंद्रह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 20.96 अंक की मामूली बढ़त