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बैंकों में रोबोट खोलेंगे खाता और देंगे कैश, एचडीएफसी बैंक ने की शुरुआत

Build bankमुंबई,  दिन दूर नहीं जब बैंक पहुंचे तो दरवाजे पर स्वागत में रोबोट फूलों की बारिश करते दिखाई दें। वही खाते खोलने के काम में लगे हों और पैसे भी बांट रहे हों। इसकी आहट सुनाई देने लगी है। शुरुआत की है एचडीएफसी बैंक ने। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने घरेलू बैंकिंग क्षेत्र में मानव आकार का पहला रोबोट उतारने का दावा किया है। इस आदमकद रोबोट  का नाम इरा है। इसे कोचि के असिमोव रोबोटिक्स के सहयोग से तैयार किया गया है। बैंक ने बाकायदे इसका प्रदर्शन करते हुए 15 दिन के भीतर इसे मुंबई की एक शाखा में तैनात करने का एलान किया है।

एचडीएफसी में डिजिटल बैंकिंग के प्रमुख नितिन चुघ ने फिलहाल इरा को सौंपी जाने वाली जिम्मेदारियों पर अधिक ब्यौरा साझा करने से मना कर दिया। बस इतना ही कहा कि यह मानवों की जगह नहीं लेगा। अगस्त, 2016 में एक मीडिया रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि जल्द ही रोबोट बैंकों में सीमित भूमिका निभाएंगे। इनकी मुख्य भूमिका रिसेप्शनिस्ट की हो सकती है। वैसे, ह्यूमनॉयड शाखा में चहलकदमी करते भी दिख सकते हैं। सिटी यूनियन बैंक ने बीते साल ‘लक्ष्मी’ नाम के रोबोट को पेश किया था।

यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए 125 विषयों का सही-सही जवाब दे सकता है। लेकिन लक्ष्मी रोबोट मानव के कद का नहीं था। इसे विकसित करने में छह महीने का समय लगा था। ग्रामीण इलाकों पर एचडीएफसी की खास नजर है। चुघ बोले कि बैंक खासतौर से ग्रामीण ऑपरेशनों पर फोकस कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स को लगाने के अवसर तलाशे जा रहे हैं। बैंक ने सोमवार को स्टार्ट-अप को प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाले एक समिट के दूसरे संस्करण को भी लांच किया। इसके तहत ये स्टार्ट-अप बैंक को बढ़ाने के मकसद से अपने नवीन विचार प्रस्तुत कर सकते हैं। समिट के पहले संस्करण में बैंक को 100 एंट्री मिली थीं। ये 35 स्टार्ट-अप से आई थीं। इनमें से पांच को बैंक के साथ काम करने के लिए अवसर मिला था।

 

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