नई दिल्ली, एक फरवरी को पेश हुए अंतिरम बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने फिक्स्ड डिपॉजिट से 40,000 रुपये तक की ब्याज आय को टैक्स दायरे से बाहर कर दिया है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर आप 5 लाख रुपये की एफडी कराते है और उस पर 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है, तो अब नए नियम के बाद आपके ब्याज पर TDS नहीं काटा जाएगा. बजट में टीडीएस से छूट की रकम को बढ़ाकर चार गुना कर दिया गया है. अब जमाकर्ता बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम पर 40,000 रुपये का ब्याज बगैर टीडीएस के हासिल कर सकते हैं. माना जा रहा है कि टीडीएस के नियम में इस बदलाव के बाद बैंक और पोस्ट ऑफिस की डिपॉजिट स्कीमों का आकर्षण बढ़ जाएगा.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि टीडीएस के नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा बुजुर्गों को मिलेगा. खासकर ऐसे बुजुर्गों को मिलेगा जिनकी आय टैक्स योग्य नहीं है. ऐसे बुजुर्ग अगर टैक्स छूट के लिए समय पर फॉर्म नहीं भरते हैं तो ब्याज के रूप में मिलने वाली उनकी रकम पर टीडीएस काट लिया जाता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आज भी कई लोगों को बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों पर ज्यादा भरोसा होता है. वे इसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. वे सरकारी बैंकों को एफडी स्कीमों में पैसा रखना पसंद करते हैं. टीडीएस के नियम में बदलाव से फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में ऐसे लोगों की दिलचस्पी बढ़ जाएगी.
इस वित्त वर्ष में 18 जनवरी तक बैंकों ने 7.5 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया है. इसके मुकाबले उनके पास सिर्फ 5.6 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट आया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि लोगों का रुझान म्यूचुअल फंड की स्कीमों में बढ़ा है. इसके अलावा सर्कुलेशन में करेंसी बढ़ी है. वित्त मंत्री गोयल ने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194ए में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है. सेक्शन 194ए के तहत बैंक और पोस्ट ऑफिस में डिपॉजिट से मिलने वाला ब्याज 10,000 रुपये से ज्यादा होने पर टीडीएस काटने के बाद जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान किया जाता है. इस पर 10 फीसदी TDS काटा जाता है. इसके जमाकर्ता को मिलने वाला असल रिटर्न घट जाता है.