नयी दिल्ली, भारत की आजादी का अमृत महोत्सव में ब्रजभाषा, साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा एवं पत्रकारिता विषय पर दो दिवसीय ‘वृंदावन साहित्य उत्सव’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अनेक साहित्यकारों को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
‘ट्रू मीडिया’ की ओर से आयोजित इस साहित्य महोत्सव में ब्रजभाषा साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विनोद पराशर, देवेन्द्र प्रकाश शर्मा, बबली सिन्हा ‘वान्या’, उषा श्रीवास्तव, डॉ अर्चना गर्ग, उर्वी ऊदल, लक्ष्मी अग्रवाल, विकास अगवाल, अपर्णा थपलियाल, एलिज़ाबेथ जॉर्ज, राजिंदर महाजन, डॉ सूक्ष्मलता महाजन, भूपिंदर कौर, डॉ सविता चड्ढा, डॉ कामदेव शर्मा, श्रीमती अंजना जैन, डॉ इला जायसवाल, नरेन्द्र वर्मा, जगदीश मीणा, गुरचरण मेहता रजत, कुमार राघव, कीर्ति रतन, डॉ पुष्पा जोशी, डॉ वीणा मित्तल, पूजा श्रीवास्तव, सुशीला देवी, डॉ अंजीव कुमार रावत, डॉ ओमप्रकाश प्रजापति, अशोक कुमार, पंडित नमन, हरकीरत सिंह ढींगरा, प्रशांत उपाध्याय, डॉ चंद्रपाल मिश्र गगन, अरविन्द कबीरपंथी, संतोष संप्रीति, डॉ संजय जैन, डॉ निशा रावत, संदीप बंसल आदि को सम्मानित किया गया।
महोत्सव को संबोधित करते हुए ‘ट्रू मीडिया’ के सम्पादक डॉ ओमप्रकाश प्रजापति ने कहा कि विश्व साहित्य जगत में ब्रजभाषा साहित्य का अपना अलग ही महत्व है। ब्रजभाषा और साहित्य में भगवान राधाकृष्ण की दिव्य लीलाओं के दर्शन के साथ संस्कृति, धर्म, भक्ति और आध्यात्म का भाव भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। ब्रजभाषा और साहित्य न केवल आध्यात्मिक जगत की धरोहर है, बल्कि भारतीय साहित्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।