दिसम्बर माह से सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। ठंड के मौसम सर्दी, जुकाम, खांसी तो आम बात है लेकिन इनके अलावा बेनस्ट्रोक, डाइबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दमा के मरीजों के लिए भी सर्दी मुसीबत बन सकती है। डाक्टरों ने सलाह दी है कि इस सर्दी को हल्के में न लें। सर्दी शुरू होते ही शहर के अस्पताल कार्डियोलॉजी, हैलट, उर्सला में ब्रेन स्ट्रोक, दमा, हाई ब्लड प्रेशर जैसे तमाम मरीजों की भीड़ ओपीडी में लग रही है। वहीं कार्डियोलॉजी में 25 फीसदी हार्ट पेशेंट मरीजों का इजाफा हुआ है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि सर्दी से होने वाली बीमारियों को बिल्कुल भी कमतर नहीं आंकना चाहिए क्योंकि इसमें जरा सी लापरवाही आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। डाक्टरों की मानें तो सर्दी में स्वस्थ बने रहने के लिए विशेष अहतियात बरतने चाहिए क्योंकि सर्दी में होने वाली बीमारियों के लगातार बढ़ने और पनपने का खतरा बना रहता है। ऐसे में जरूरी है सही समय पर सही इलाज।
सर्दी के मौसम में जितना शरीर को ढक कर चलेंगे उतना ही आप बिमारियों से दूर रहेंगे। डाक्टरों ने सलाह दी है कि कोई भी सर्दी को हल्के में न ले, माह की शुरुआती ठंडी ही लोगों की जान ले लेती हैं। सर्दी में होने वाली बीमारियां इस मौसम में लकवे की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि सर्दी में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में लकवे का खतरा बढ़ जाता है। जरूरी है इससे बचने के लिए समय-समय ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना। दमा के मरीजों को भी विशेष अहतियात बरतने की जरूरत है।
ठंड के चलते दमा के मरीजों में दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे मरीज अपनी दवाओं और इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें। ठंड के चलते धमनी सिकुड़ने से हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है। हार्ट और रक्त चाप के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाएं। बिस्तर से उठने से पहले गर्म कपड़े पहने और थोड़ा व्यायाम करते हुए उठें। सर्दी के मौसम में सिर, हाथ पैर को पूरी तरह से ढक कर चलें ताकि सर्द हवाएं आपके शरीर के भीतर न जा सकें। खानपान में भी इस मौसम में बहुत ही ध्यान देना चाहिए।