जब भगवान् ही भ्रष्टाचार का शिकार होने लगे तो आम आदमी की बात क्या करें. भ्रष्टाचार की आंच बाबा काशी विश्वनाथ के रसोई तक पहुंच चुकी है. कागजों में बासमती चावल दिखा कर बाबा को मोटे चावल का भोग लग रहा है. खीर में दूध के नाम पर पानी मिलाया जा रहा है.
बाबा काशी विश्वनाथ के भंडारगृह में तैयार किए जाने वाले भोग-प्रसाद में गड़बड़ी की जा रही है. खीर के नाम पर आने वाले दूध में पानी मिलाया जा रहा है. भोग के लिए जो चावल आता है वह पकाया नहीं जाता. उसकी जगह रद्दी चावल बनाकर बाबा को भोग अर्पित किया जा रहा है.
मंदिर प्रशासन की जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है. मंदिर प्रशासन ने भंडारियों को चेताया है कि अगर भोग की क्वालिटी खराब पाई गई तो बर्खास्तगी तय है. बाबा के भोग में घटिया चावल पकाए जाने और खीर के दूध में पानी मिलाए जाने का मामला भंडारियों और कुछ कर्मचारियों के गले की फांस बन सकता है.
जांच के दौरान पूछताछ में कुछ कर्मचारियों ने बताया कि बाबा के दोपहर भोग के लिए सुगंधित और बढ़िया किस्म का चावल मंगाया जाता है लेकिन उस चावल को कुछ लोग घर ले जाते हैं. यही हाल खीर के लिए आने वाले दूध के साथ भी होता.
पहले मंदिर से जुड़े लोग चढ़ावे की चोरी करते थे. अब बाबा के भोग प्रसाद में घपला हुआ है.