पटना , भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी माले ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर संवैधानिक मूल्यों की लगातार अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि यह संगठन देश में विभाजनकारी और नफरत फैलाने वाले तत्वों को बढ़ावा देता रहा है।
भाकपा.माले राज्य सचिव कुणाल ने यहां कहा कि आरएसएस कभी देशभक्त संगठन नहीं रहा है। इसकी स्थापना ही उन्माद-उत्पात और नफरत का माहौल खड़ा करने के लिए की गयी है। इतिहास गवाह है कि आरएसएस ने अंग्रजों के खिलाफ चले स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया। यहां तक कि उससे जुड़े लोगों ने मुखबिरी की और आजादी की लड़ाई के साथ विश्वासघात किया।
कुणाल ने कहा कि आरएसएस अपने स्थापनाकाल से ही देश में विभाजनकारी और नफरत फैलाने वाले तत्वों को बढ़ावा देता रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी संवैधानिक मूल्यों की लगातार अवहेलना कर रही है। उसी की कड़ी में संघ प्रमुख मोहन भागवत के ताजा बयान को देखा जा सकता है। संविधान की बजाय ये लोग देश को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं।