नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें नमन किया है।
श्री नड्डा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि सशक्त एवं प्रगतिशील भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ‘एकात्म मानववाद व अंत्योदय’ के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। उन्होंने कहा कि श्री उपाध्याय की प्रेरणा लेकर भाजपा का हर कार्यकर्ता राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना से निरंतर जनसेवा में लगा है।
श्री शाह ने कहा, “दूरदर्शी राजनीतिज्ञ पं. उपाध्याय ने समय समय पर विभिन्न चुनौतियों व समस्याओं के निराकरण के लिए अपने विचार-दर्शन से देश का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि श्री उपाध्याय के एकात्म मानववाद व अंत्योदय के मंत्र सदैव हमें जनकल्याण व राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।”
श्री सिंह ने पंडित उपाध्याय को नमन करते हुए कहा, “एकात्म मानववाद जैसे प्रगतिशील आर्थिक विचार के प्रणेता एवं अंत्योदय के लिए आजीवन काम करने वाले ‘महामानव’ पंडित उपाध्याय को उनकी जयंती पर कोटि कोटि नमन। सेवा और समर्पण का उनका मंत्र हमें प्रेरणा देता है। उनके विचार और दर्शन भारत की आने पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय दर्शन के प्रणेता, भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य और कुशल संगठनकर्ता श्रद्धेय पं उपाध्याय को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय उपाध्याय का दर्शन ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने हेतु हमारा मार्ग प्रशस्त करता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अंत्योदय दिवस’ भारतीय राजनीति को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्कर्ष हेतु प्रेरित करता है। अंत्योदय, समाज में व्याप्त असंतुलन को संतुलित करने का मंत्र एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने का माध्यम है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “ प्रखर राष्ट्रवादी और युगपुरुष ,एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता एवं हमारे प्रेरणापुंज व पथ प्रदर्शक श्र्धेय उपाध्याय की जयंती पर कोटिशः नमन।”
श्री उपाध्यय का जन्म 1916 में हुआ था। श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद से भारतीय जनसंघ की शुरुआत की थी, उस समय संघ ने संगठन की देखरेख का जिम्मा श्री उपाध्याय को दिया। वह 15 वर्षों तक जनसंघ के महासचिव रहे और पार्टी को मजबूती दी। वह 1967 में पार्टी के अध्यक्ष भी बने।