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भाजपा को चुनावी गणित समझ में आया मगर घमंड बीच में आ गया: अखिलेश यादव

लखनऊ, प्रयागराज में आंदोलनकारी छात्रों की मांगे मानने पर कटाक्ष करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है।

अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा “ अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी, तब ‘नौकरी’ आएगी।”

उन्होने कहा कि भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आखि़रकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊँचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेज़ी से होता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि सब गलती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकारियों की है। देश-प्रदेश चलाने के लिए जो प्रतिभावान युवा आईएएस, पीसीएस अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी बनते हैं, उनमें इतनी अधिक समझ होती है कि वे ये बात आसानी से समझ सकें कि इस खेल के पीछे असल में कौन है। भाजपा के चेहरे से एक के बाद एक मुखौटे उतर रहे हैं और भाजपा का ‘नौकरी विरोधी’ चेहरा अभ्यर्थियों के सामने बेनक़ाब होता जा रहा है। अच्छा हो कि भाजपा नाटक करना छोड़ दे। भाजपा युवाओं के भविष्य को अपने भ्रष्टाचार से दूर रखे।

उन्होने कहा कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि पीसीएस, आरओ, एआरओ, लोवर सबोर्डिनेट जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी।