लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश व देश के कुछ अन्य महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल ला व कामन सिविल कोड के मुद्दों पर नया विवाद खड़ा करके राजनीति शुरू कर दी है, जिसकी हमारी पार्टी निन्दा करती है। सुश्री मायावती ने तीन तलाक के मुद्दे पर यहां कहा कि केन्द्र सरकार को इस मामले में दखल देने की बजाय, यह मामला मुस्लिम समाज के आमराय बनाने पर ही छोड़ देना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के किसी भी मुद्दे को लेकर उठे सवाल पर यह बेहतर होगा कि उस धर्म को मानने वाले लोग ही उस पर अपनी आमराय बनायें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ व समान नागरिक संहिता आदि के मामले को भी इसी नजरिये से देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर.एस.एस. के एजेण्डे के हिसाब से चलकर प्रधानमंत्री को किसी भी धर्म के लोगों पर कोई फैसला थोपना नहीं चाहिए। मायावती ने कहा कि भारत देश विभिन्न धर्मों, जातियों, संस्कृति व भाषाओं आदि पर आधारित अनेकता में एकता की एक अलग पहचान रखने वाला देश है, जहां लोग सदियों से अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपने-अपने रीति-रिवाज, परम्पराओं आदि में विश्वास रखकर अपना जीवन बसर करते चले आ रहे हैं। इसलिए इन सभी मानवीय पहलूओं को पूरे तौर से ध्यान में रखकर धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार को प्रमुखता दी जानी चाहिए, जिसके कारण देश का संविधान दुनिया में अनुपम संविधान बना है।