बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि नरेन्द्र मोदी को दलितों और पिछड़ों का आरक्षण बचाने के लिए जान देने की जरूरत नही हैं। मोदी को यदि दलितों से प्रेम है तो वह सिर्फ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का खंडन कर दें। लखनऊ में पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार को दलित विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दलित और बौद्ध प्रेम सिर्फ एक दिखावा है। मायावती ने कहा, आरक्षण बचाने के लिए प्रधानमंत्री जान की बाजी लगाने के बजाय मौजूदा सरकार की नीतियां तय करने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का खंडन कर दें, जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही थी। उन्होंने पिछड़े समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि यदि बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को साजिश के तहत निष्प्रभावी बना दिया जाएगा। मायावती ने कहा कि मोदी की जाति पहले पिछ़ड़ी जाति नहीं थी। मोदी को पिछड़ा बताना सियासी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस मौकापरस्त है। उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे पिछड़ों के हितैषी हैं तो प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर शांत खामोश क्यों हैं?
मायावती ने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। आरक्षण के मामले में भी वह साजिश कर रही है। केंद्र सरकार दलित और पिछ़ड़ों का आरक्षण कम कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें भाजपा की साजिश का पर्दाफाश करना है। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी कभी आरक्षण पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारतरत्न सम्मान देने के मामले में कांग्रेस और भाजपा एक जैसी ही रही हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार भी दलित विरोधी है। मायावती ने कहा कि विरोधियों की मिलीभगत से उन्हें आरक्षण के मामले में लोकसभा में सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए उनकी पार्टी ने कड़ा संघर्ष किया है।