नयी दिल्ली, केजरीवाल ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने का आआम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया।
अरविंद केजरीवाल ने यहाँ मंदिर मार्ग स्थित भगवान बाल्मीकि मंदिर जाकर पूजा-अर्चना के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा , “भाजपा ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है इसलिए जो बाबा साहब से करे प्यार, वो भाजपा से करे इन्कार। मैं बाबा साहब को अपना आदर्श मानता हूं और उनका अपमान करने वाली भाजपा का हर स्तर पर विरोध करूंगा। अमित शाह ने बाबा साहब को लेकर जो कहा, वह बेहद पीड़ादायक है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उनका समर्थन करना बाबा साहब के प्रति भाजपा की भावनाओं को बताता है। बाबा साहब हमारे लिए भगवान हैं। हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब यह चुनने वक्त आ गया है कि बाबा साहब से प्यार करने वाला भाजपा से प्यार नहीं कर सकता।”
उन्होंने कहा कि संसद इस देश की सबसे बड़ी पंचायत है। जहां पूरे देश के लोग जाकर बैठते हैं और देश की समस्याओं पर चर्चा करते हैं। मंगलवार की शाम संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. अंबेडकर पर एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर-अंबेडकर कहना आजकल एक फैशन हो गया है, इतनी बार अगर भगवान का नाम लोगे तो सात जन्म तक स्वर्ग मिलेगा। यह शब्द अपने आप में बहुत पीड़ादायक थे। यह बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने वाले शब्द थे। जिस लहजे में अमित शाह ने यह कहा, ऐसे लग रहा था कि उनके अंदर बाबा साहब के प्रति भारी नफरत भरी पड़ी है। उनके लहजे से लग रहा था कि वो बाबा साहब अंबेडकर से कितनी नफरत करते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा , “बाबा साहब अंबेडकर आधुनिक भारत के भगवान से कम नहीं हैं। वह आधुनिक भारत के भगवान हैं। मुझे नहीं पता कि मरने के बाद स्वर्ग मिलता है या नहीं। लेकिन अगर बाबा साहब अंबेडकर नहीं होते और उन्होंने यह संविधान नहीं बनाया होता तो इस देश में वंचितों, पिछड़ों और दलितों का जीना मुश्किल हो जाता। उन्होंने हम लोगों को जीने का अधिकार दिया है।”
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि किस तरह भाजपा और देश के गृह मंत्री बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं। बाबा साहब के संविधान को तार-तार कर रहे है यह किसी से छिपा नहीं है। इनके मन की यह घृणा एक दिन की घटना नहीं है। आरएसएस की कोख से भाजपा का जन्म हुआ है, उस आरएसएस ने 11 दिसंबर 1949 को दिल्ली के रामलीला के मैदान में बाबा साहब और संविधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इन्होंने पूरे देश में बाबा साहब के पुतले जलाए थे। यह ऐसी विचारधारा के लोग हैं जो हमेशा से बाबा साहब से घृणा करते रहे, समाज के वंचित, दलित, आदिवासियों से घृणा करते रहे। इन्होंने हमेशा आरक्षण, संविधान और दलितों को दिए जाने वाले अधिकारों का विरोध किया।