भाजपा सरकार एसआईआर के नाम पर अधिकार छीनना चाहती है : अखिलेश यादव

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया को भाजपा सरकार की “नाकामी छुपाने की साजिश” बताते हुए कहा है कि इसके माध्यम से बड़ी संख्या में मतदाताओं के अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने अपील की कि आम नागरिक अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज कराएं और कटने से बचाएं, क्योंकि वोट का अधिकार खत्म हुआ तो आरक्षण और संविधान प्रदत्त अन्य अधिकार भी खतरे में पड़ जाएंगे।
बुधवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग का दायित्व है कि कोई भी मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न हो, लेकिन भाजपा सरकार के दबाव में उल्टा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में एसआईआर के कारण लाखों लोग वोट डालने से वंचित हो गए और अब उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में भी जल्दबाजी में इसी तरह की कार्रवाई की जा रही है, जबकि इन राज्यों में इस वर्ष चुनाव नहीं होने हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का ध्यान जनता को रोटी-रोजगार देने पर नहीं, बल्कि विरोधियों को झूठे मुकदमों में फंसाने पर है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद आज़म खां, गायत्री प्रजापति, रमाकांत यादव समेत कई निर्दोष समाजवादी व पीडीए परिवार के लोग वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह विपक्ष को प्रताड़ित करने का तरीका है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक की बात करने वाली भाजपा सरकार में थाने से लेकर तहसील तक कहीं सुनवाई नहीं हो रही। हिरासत में मौतों में उत्तर प्रदेश नम्बर एक है और फर्जी एनकाउंटर की घटनाएं भी बढ़ी हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर उन पर अनावश्यक धाराएं लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं, पर सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है।
संचार साथी ऐप पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार इस ऐप के माध्यम से जासूसी कर रही है। उन्होंने कहा कि यह निजता का स्पष्ट उल्लंघन है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। “जिनका इतिहास ही मुखबिरी का रहा हो वो जासूसी कैसे छोड़ सकते हैं”। भाजपा शासन में पहले ही अभिव्यक्ति की आजादी सीमित की जा चुकी है, अब निजी बातचीत भी निगरानी के दायरे में लाने की कोशिश हो रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जनता अपनी निजता, सम्मान, हक, आरक्षण और संविधान की रक्षा के लिए इस बार भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने का संकल्प ले चुकी है।





