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अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां कहा कि महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। शेयर बाजार गिर रहा है। शेयर मार्केट की भारी गिरावट से सबसे ज्यादा युवा निवेशक प्रभावित हुए है। देश के करोड़ों युवा निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। उनकी गाढ़ी कमाई निवेश करने के बाद बढ़ने के बजाय कम हो गयी।
अखिलेश यादव ने कहा कि शेयर बाज़ार की गिरावट सालों-साल का रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसका सबसे ज़्यादा बुरा असर आम जनता और मध्य वर्ग पर पड़ा है। भाजपा की पक्षपाती आर्थिक नीतियों में जितनी गिरावट होगी उतनी ही गिरावट शेयर मार्केट में भी होगी और डॉलर के मुक़ाबले रुपये के मूल्य में भी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार शेयर मार्केट में युवा निवेशकों की गाढ़ी कमाई की सुरक्षा करने और उनको भरोसा देने में नाकाम है। बड़ी संख्या में निवेशक बर्बादी के हालत में आ चुके है।
अखिलेश यादव ने कहा कि शेयर मार्केट में लगातार गिरावट के पीछे भ्रामक एप और शेयर की ख़रीद-फ़रोख्त करने वाले एक बड़े चालाक तंत्र का खेल है। ऐसे ‘स्टॉक माफ़िया’ लोग ख़रीदने पर भी कमाते हैं और बेचने पर भी, इन्हें निवेशकों के पैसे डूबने से कोई मतलब नहीं। इन जैसे शातिर लोगों से शेयर बाज़ार में नये निवेशकों के रूप में जुड़ी युवा पीढ़ी की निवेशित पूंजी को बचाना शेयर मार्केट से जुड़े सरकारी निगरानी तंत्र का काम होता है। यदि ऐसा करने में ये सरकारी तंत्र विफल है तो ऐसे निष्क्रिय और नाकाम तंत्र पर करोड़ों रुपए ख़र्च करने का क्या फ़ायदा, उसे तत्काल भंग कर देना चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि शेयर मार्केट में गिरावट का असर अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र पर पड़ेगा। युवा पीढ़ी का ये नुक़सान ईएमआई पर लिये गये घरों और सामानों पर भी पड़ेगा और भुगतान न कर पाने की अवस्था में लोन देने वाले बैंक और फ़ाइनेंस कंपनियाँ भी इस गिरावट की चपेट में आ जाएंगी। सरकार तुरंत कुंभकर्णी नींद से जागे और छह महीने से गिर रहे बाज़ार को बचाने के उपाय ढूंढे नहीं तो ये मान लिया जाएगा कि सरकार को बाज़ार चला रहा है, और सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार नागरिकों को ‘ग्राहक’ समझकर उनका उत्पीड़न करना बंद कर दे व युवा और आम जनता के धन एवं निवेश का शोषण करने वालों को दंडित करे। सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से भाग नहीं सकती, युवा पीढ़ी अपनी एक-एक पाई का हिसाब सरकार से लेकर रहेगी। उन्होंने कहा कि युवा अपनी मेहनत की कमाई को बहुत सोच-समझकर ही कहीं लगाएं और बहलाने-फुसलाने और लुभाने वालों के जुमलों से दूर रहें।